अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने प्रतिद्वंद्वी व डेमोक्रेटिक प्रत्याशी जो बिडेन और उनके बेटे हंटर के खिलाफ जांच शुरू करने का आदेश दिया। हालांकि, अमेरिकी न्याय विभाग ने राष्ट्रपति के जांच के आह्वान का जवाब नहीं दिया है। राष्ट्रपति ट्रंप ने मंगलवार को अटॉर्नी जनरल विलियम बर्र को फोन करके इस मामले की जांच का आदेश दिया है। खास बात यह है कि ट्रंप का यह आदेश ऐसे वक्त आया है, जब राष्ट्रपति चुनाव में महज दो सप्ताह का समय शेष है। ट्रंप के इस कदम से अमेरिका में सियासत तेज हो गई है। इस जांच प्रक्रिया से जहां एक ओर डेमोक्रेटिक पार्टी सांसत में है, वहीं विपक्ष ने राष्ट्रपति ट्रंप पर न्याय विभाग का बेजा इस्तेमाल करने का आरोप लगा रहा है। डेमोक्रेट्स का कहना है कि ट्रंप चुनाव में न्याय विभाग का राजनीतिकरण कर रहे हैं।
राष्ट्रपति चुनाव के पहले जांच का काम पूरा हो
ट्रंप ने ‘फॉक्स एंड फ्रेंड्स’ को दिए एक साक्षात्कार में कहा 3 नंवबर को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव के मद्देनजर जांच प्रक्रिया में तेजी लाई जाए। राष्ट्रपति ट्रंप ने पहली बार इस जांच के लिए बर्र को फोन किया। राष्ट्रपति ने कहा कि बर्र को इस कार्य में देरी नहीं करनी चाहिए। राष्ट्रपति चुनाव के पहले यह जांच प्रक्रिया पूरी होनी चाहिए, ताकि लोगों के समक्ष सच्चाई सामने आ सके। उन्होंने बर्र को सुझाव दिया कि जांच में तेजी लाने के लिए किसी को नियुक्त किया जाना चाहिए।
जेलिजर ने राष्ट्रपति के इस कदम से चिंता जताई
प्रिंसटन विश्वविद्यालय के जूलियन जेलिजर ने राष्ट्रपति के इस कदम से चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि चुनाव के वक्त इस तरह का कदम राजनीति से प्रेरित माना जाएगा। उन्होंने सवाल किया कि क्या बर्र ने वाटरगेट के नियमों को भूला दिया है। जेलिजर ने कहा कि ट्रंप का यह आदेश राष्ट्रपति चुनाव के अंतिम चरण में न्याय प्रणाली का राजनीतिकरण की ओर संकेत दे रहा है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप ने बार-बार हंटर बिडेन के अतीत का हवाला दिया है। जेलिजर ने कहा कि राष्ट्रपति के तर्क निराधार हैं।
बर्र ने निजी तौर पर निराशा व्यक्त किया
उधर, बर्र ने राष्ट्रपति के सार्वजनिक घोषणाओं पर निजी तौर पर निराशा व्यक्त की है। अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव नजदीक होने के नाते बर्र ने चुनाव में अधिक से अधिक न्याय विभाग की भागीदारी और ट्रंप की मांगों के बारे में मीडिया से सीधे सवाल का सामना करने से बचते रहे। उन्होंने कैमरे का समाना नहीं किया और लो प्रोफाइल रखा है।
युक्रेन की ऊर्जा कंपनी को मदद का आरोप
यह सारा बवाल न्यूयॉर्क टाइम्स की एक खबर के साथ शुरू हुआ। इस खबर में हंटर के जरिए जो बिडेन पर यूक्रेन की एक ऊर्जा कंपनी को मदद करने का आरोप लगाया गया है। खबर में दो ई मेल्स का जिक्र किया गया था। इस मेल से यह साफ हो गया था कि हंटर बिडेन को युक्रेन की ऊर्जा कंपनी के सीनियर अधिकारी ने भेजे थे। उस वक्त हंटर उस कंपनी का हिस्सा थे। मई, 2014 के उस ईमेल में कंपनी के बोर्ड एडवाइजर ने हंटर से कहा था कि वह अपने प्रभाव का इस्तेमाल कंपनी की मदद के लिए करें। हंटर ने उक्त अधिकारी से अपने पिता की मुलाकात करवाई, जो उस समय उप राष्ट्रपति पद पर आसीन थे। अप्रैल, 2015 में एक और मेल भेजा गया, इस मेल में हंटर का शुक्रिया किया गया था।