सियाचिन बेस जल्द ही आप घूम सकेंगे, सियाचिन ग्लेशियर को आम नागरिकों के लिए खोलने पर विचार कर रही सेना

दुनिया के सबसे ऊंचे युद्ध क्षेत्र सियाचिन पर अब आप भी जा सकते हैं और उस पल को जी सकते हैं, जिसे भारतीय जवान माइनस डिग्री तापमान में देश की पहरेदारी करते हैं।

सेना के दो वरिष्ठ अधिकारियों ने मंगलवार को कहा कि भारतीय सेना दुनिया के सबसे ऊंचे युद्धक्षेत्र सियाचिन ग्लेशियर का आम लोगों के लिए दौरा करने की अनुमति देने के प्रस्ताव की जांच कर रही है। 

सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि आम नागरिकों को ग्लेशियर तक पहुंच देने का प्रस्ताव एक प्रारंभिक चरण में है, मगर इस पर गंभीरता से विचार किया जा रहा है। यह जानकारी एक अधिकारी ने नाम न जाहिर होने की शर्त पर दी।

सेना के सूत्रों ने बताया कि  कार्यक्रम के दौरान सेना प्रमुख बिपिन रावत ने कहा कि लोगों में सेना और इसके ऑपरेशनल चैलेंज के बारे में जानने की काफी उत्सुकता है। यह राष्ट्रीय अखंडता के लिए अच्छा रहेगा। सेना ने आम लोगों को प्रशिक्षण केंद्रों और संस्थानों में जाने की अनुमति दी है, उसी तरह अब हम सियाचिन ग्लेशियर जैसे फॉरवर्ड लोकेशन को खोलने पर विचार कर रहे हैं।

सियाचिन ग्लेशियर रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि जब तक यह भारत के नियंत्रण में है, तब तक पाकिस्तानी सेना चीनी के साथ नहीं जुड़ सकती है और न ही लद्दाख के लिए खतरा पैदा कर सकती है।

सियाचिन चीनी नियंत्रण और बाल्टिस्तान के तहत शक्सगाम घाटी के बीच एक खूंटे के रूप में कार्य करता है, जिस पर पाकिस्तान का कब्जा है। सियाचिन ग्लेशियर लद्दाख का हिस्सा है जिसे अब केंद्र सरकार ने अलग केंद्र शासित प्रदेश घोषित कर दिया है, जो कि जम्मू-कश्मीर से अलग होगा। 

अभी तक सियाचिन ग्लेशियर के आसपास रह रहे लोगों को छोड़कर सेना की तरफ से किसी को भी वहां जाने की अनुमति नहीं है। सेना इस बात पर विचार कर रही है कि सियाचिन तक लोगों को जाने की अनुमति दी जाए या नहीं और अगर दी भी जाए तो लोगों को कहां तक आने देना है, कितनी ऊंचाई तक की मंजूरी आम लोगों को देनी है। 

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