सितंबर महीने से टीम इंडिया OPPO वाली जर्सी में नहीं नज़र आएगी, जानिए क्या है वजह

सितंबर महीने से टीम इंडिया OPPO वाली जर्सी में नहीं नज़र आएगी। Oppo की जगह अब भारतीय ब्रांड ने ले ली है, जिसका आधिकारिक ऐलान जल्द हो जाएगा। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड यानी BCCI और चाइनीज कंपनी ओप्पो के बीच हुआ करार समाप्त होने से पहले ही समाप्त हो गया है। ओप्पो ने घाटे से बचने के लिए टीम इंडिया के टाइटल स्पॉन्सर के राइट्स भारतीय कंपनी को शेयर कर दिए हैं। 

Oppo की जगह अब भारतीय टीम की जर्सी पर बेंगुलरु बेस्ड एजेकुशन टेक्नोलॉजी वाली कंपनी बायजू नज़र आएगी। एक मैच के लिए चाइनीज कंपनी Oppo को BCCI को भारी भरकम रकम देनी होती थी जो इस कंपनी को घाटे का सौदा लगा। यही कारण है कि ओप्पो ने टीम इंडिया का स्पॉन्सर रहने से अपने हाथ खींच लिए। 

मार्च 2017 में लगी बोली में ओप्पो ने वीवो को बोली में पछाड़कर 1079 करोड़ में पांच साल के लिए टीम इंडिया के मेन स्पॉन्सर के राइट्स हासिल किए थे। वीवो मोबाइल कंपनी ने 768 करोड़ की बोली लगाई थी। लेकिन, ओप्पो ने बीच में ही इस करार को खत्म कर इसके अधिकार बायजू को प्रदान कर दिए हैं, जिसकी सीमा 31 मार्च 2022 है।

एक मैच के लिए ओप्पो को कितने करोड़ रुपये BCCI को देने होते थे? अगर नहीं जानते तो अब जान जाएंगे। ओप्पो द्विपक्षीय सीरीज के एक मैच के लिए BCCI को 4.61 करोड़ रुपये देती थी। वहीं, आइसीसी के टूर्नामेंट के एक मैच के लिए ये रकम 1.56 करोड़ हो जाती थी, क्योंकि इस दौरान स्पॉन्सर सीने पर ना रहकर बाजू पर चला जाता है। 

ओप्पो से पहले टीम इंडिया की टाइटल स्पॉन्सर स्टार इंडिया थी जो द्विपक्षीय सीरीज के एक मैच के लिए बीसीसीआइ को 1.92 करोड़, जबकि आइसीसी इवेंट के एक मैच के लिए 61 लाख रुपये देती थी। अब राइट्स Byju’s के पास हैं तो इस कंपनी को बीसीसीआइ को द्विपक्षीय सीरीज और आइसीसी के टूर्नामेंट के एक-एक मैच के लिए ओप्पो के बराबर रकम चुकानी होगी। 

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