बिटकॉइन को लेकर भारत में लगातार एक तरफ चिंता जताई जा रही है. वहीं, दूसरी तरफ लोग इसमें निवेश के प्रति आकर्षित हो रहे हैं. इसी बीच बिटकॉइन को लेकर सिटी बैंक ने एक बड़ा कदम उठाया है. बैंक ने अपने डेबिट व क्रेडिट कार्ड से बिटकॉइन खरीदने पर पूरी तरह रोक लगा दी है.
सिटी बैंक ने यह फैसला भारतीय रिजर्व बैंक के उस बयान के बाद उठाया है, जिसमें केंद्रीय बैंक ने बिटकॉइन में निवेश को लेकर चिंता जताई थी. सिटी बैंक ने अपने ग्राहकों को भेजे SMS में कहा है कि उसकी तरफ से बिटकॉइन क्रिप्टोकरंसी को खरीदने व उसमें व्यापार करने के लिए डेबिट व क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल करने पर पूरी रोक लगा दी गई है.
भारतीय रिजर्व बैंक समय-समय पर बिटकॉइन में निवेश से जुड़े खतरों को लेकर चिंता जता चुका है. वित्त मंत्रालय भी कई बार बिटकॉइन में निवेश को लेकर लोगों को चेता चुका है. वित्त मंत्री अरुण जेटली ने अपने बजट भाषण में भी यह बात दोहराई थी. उन्होंने कहा था कि सरकार बिटकॉइन को वैध नहीं मानती है.
इससे पहले आए वित्त मंत्रालय के सर्कुलर में कहा गया था कि बिटकॉइन में निवेश करने पर अगर आपके पैसे डूबते हैं, तो इसकी जिम्मेदारी सरकार की नहीं होगी. इसका पूरा खामियाजा संबंधित व्यक्ति को ही भुगतना होगा.
क्या है बिटक्वॉइन
बिटक्वॉइन की शुरुआत जनवरी 2009 में हुई थी. इस वर्चुअल करेंसी का इस्तेमाल कर दुनिया के किसी कोने में किसी व्यक्ति को पेमेंट किया जा सकता है और सबसे खास बात यह है कि इस भुगतान के लिए किसी बैंक को माध्यम बनाने की भी जरूरत नहीं पड़ती.
कैसे काम करती है डिजिटल करेंसी?
बिटकॉइन का इस्तेमाल पीयर टू पीयर टेक्नोलॉजी पर आधारित है. इसका मतलब कि बिटकॉइन की मदद से ट्रांजैक्शन दो कंप्यूटर के बीच किया जा सकता है. इस ट्रांजैक्शन के लिए किसी गार्जियन अथवा केंद्रीय बैंक की जरूरत नहीं पड़ती.
बिटकॉइन ओपन सोर्स करेंसी है, जहां कोई भी इसकी डिजाइन से लेकर कंट्रोल को अपने हाथ में रख सकता है. इस माध्यम से ट्रांजैक्शन कोई भी कर सकता है क्योंकि इसके लिए किसी तरह की रजिस्ट्रेशन अथवा आईडी की जरूरत नहीं पड़ती.