केंद्र ने मंगलवार को राज्यसभा में बताया कि सिगरेट, ‘बीड़ी’ और धुआं रहित तंबाकू पर उत्पाद शुल्क बढ़ाने का कोई प्रस्ताव नहीं है। एक प्रश्न के लिखित जवाब में वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि इन तंबाकू उत्पादों पर वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) बढ़ाने के लिए जीएसटी परिषद द्वारा कोई सिफारिश नहीं की गई थी। उन्होंने कहा, ‘जीएसटी परिषद की सिफारिशों के आधार पर वस्तुओं पर जीएसटी की दरें तय की गई हैं। फिलहाल, ऐसी कोई सिफारिश नहीं है। इसके अलावा इस तरह के उत्पादों पर उत्पाद शुल्क बढ़ाने का कोई प्रस्ताव नहीं है।
वित्त मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, वित्त वर्ष 2019-20 के दौरान सेस सहित इन उत्पादों से कुल जीएसटी संग्रह 53,540 करोड़ रुपये और उत्पाद शुल्क संग्रह 1,610 करोड़ रुपये था। जुलाई 2017 से तंबाकू पर एकत्रित केंद्रीय उत्पाद शुल्क को जीएसटी में शामिल कर लिया गया है।
ठाकुर ने कहा कि तम्बाकू से प्राप्त कर अन्य स्रोतों से प्राप्त करों के समान, भारत सरकार के समग्र सकल कर राजस्व (GTR) का एक हिस्सा है और इसका उपयोग विभिन्न सरकारी योजनाओं और कार्यक्रमों के लिए किया जाता है। बजट 2020-21 में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए 67,111.8 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है। यह भारत सरकार की पूंजी और राजस्व प्राप्तियों दोनों से मिलेगा।
गौरतलब है कि बजट में पेट्रोल-डीजल के उत्पाद शुल्क में कटौती की गई, लेकिन साथ ही इसपर उपकर लगा दिया गया। आम बजट 2021-22 में वित्त मंत्री ने कृषि अवसंरचना विकास उपकर लगाया, और उतनी ही उत्पाद शुल्क में कटौती कर दी, जिसका खामियाजा राज्यों को उठाना पड़ेगा। सीतारमण ने अपने बजट में पेट्रोल पर प्रति लीटर 2.5 रुपये और डीजल पर प्रति लीटर चार रुपये के कृषि उपकर का प्रस्ताव किया।
हालांकि, इतनी ही राशि उत्पाद शुल्क के रूप में घटाकर इस बढ़ोतरी को समायोजित किया जाएगा। उज्ज्वला योजना के तहत लाभार्थियों की संख्या को आठ करोड़ से बढ़ाकर नौ करोड़ किया जाएगा।