शास्त्रों के अनुसार हनुमानजी शीघ्र प्रसन्न होने वाले देवी-देवताओं में से एक हैं। श्रीरामचरित मानस के अनुसार माता सीता द्वारा पवनपुत्र हनुमानजी को अमरता का वरदान दिया गया है। इसी वरदान के प्रभाव से इन्हें भी अष्टचिरंजीवी में शामिल किया जाता है। कलयुग में हनुमानजी भक्तों की सभी मनोकामनाएं तुरंत ही पूर्ण करते हैं।
आइये जानते है कि पवनपुत्र हनुमानजी कैसे प्रसन्न किया जा सकता है:-

सिंदूर
हनुमान जी को सिंदूर या चोला चढाने से यह अति शीघ्र प्रसन्न होते है। कहते है सीता माता को श्री राम जी के नाम का सिंदूर लगाते हुए हनुमानजी ने देख लिया था। उत्सुकता वश उन्होंने माँ जानकी से इसके बारे में पुछ लिया।
माँ जानकी ने बताया की सिंदूर लगाकर वो श्री राम की अधिक आयु की विनती करती है। बस यह बात हनुमानजी के दिमाग में बैठ गयी और उन्होंने तो अपने पूरे शरीर पर ही सिंदूर लगा लिया। तब से उन्हें सिंदूर चढाने की परंपरा बन गयी।
चमेली का तेल
कभी भी सिर्फ चमेली का तेल अकेले हनुमान जी को भेट ना करे या तो इसे सिंदूर के साथ या इसका दीपक जलाकर ही अर्पित करे। चमेली के तेल में अच्छी महक और वशीकरण की शक्ति होती है।
लाल झंडा
हनुमान मंदिर में लाल झंडा इनके विजयी की कीर्ति के लिए लगाये।
तुलसी पत्ता
मंगलवार को तुलसी जी के पत्तों की माला हनुमान जी को पहनाये।
लड्डू
हनुमानजी को मिठाईया बहुत पसंद है और उनमे से भी लड्डू। एक बार भूख लगने पर उन्होंने सूर्य को भी लड्डू समझ के लपक लिया था।
राम नाम
राम नाम इन्हे बहुत प्यारा है।
हनुमान जी पान
हनुमान जी को मिठाई के बाद पान भी खिलाया जाता है। बालाजी का पान पान की दुकान पर मिलता है।
लौंग इलायची
लौंग और इलायची हनुमान जी को अति प्रिय है।
जनेऊ
बाल ब्रह्मचारी श्री हनुमानजी को हिन्दू धर्म परम्परा की जनेऊ भी अति प्रिय है।
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