भगवान शिव व देवी पार्वती की आराधना का विशेष माह सावन का पहला सोमवार 18 जुलाई को है। पहले सोमवार को कुमाऊं में पहाड़ के जिले से लेकर तराई तक शिवालयों में भक्तों का हुजूम उमड़ पड़ा है। मंदिर बम भोले के जयकारों से गुंजायमान हो उठा। भगवान शिव के जलाभिषेक के लिए श्रद्धालुओं की कतारें लगी हुई हैं।
पार्थिव पूजन व जलाभिषेक
हल्द्वानी : शहर के पटेल चौक स्थित श्री पिपलेश्वर महादेव मंदिर में महारुद्राभिषेक व असंख्य पार्थिव पूजन की तैयारी कर है। श्री काल भैरव सन्यासाश्रम ट्रस्ट की रविवार को हुई बैठक में तैयारी को अंतिम रूप दिया गया। सचिव भोला शंकर जोशी ने कहा कि गत वर्षों में कोरोना महामारी के कारण आयोजन सामान्य रूप से हुए।
पहले सोमवार से महारुद्राभिषेक व लघु रुद्री पाठ शुरू हो गया।
श्री प्राचीन शिव मंदिर मंगल पड़ाव, श्री शिव मंदिर मुखानी, नीलियम कॉलोनी स्थित श्री सिद्धेश्वर महादेव मंदिर, रामपुर रोड स्थित श्री दत्तात्रेय तिरुपति बालाजी मंदिर, बेलबाला शिव मंदिर में भक्तों के पहुंचने का सिलसिला सुबह से शुरू हो गया।
बेरी के पेड़ के नीचे व्रत कथा
बाजपुर। सावन के पहले सोमवार पर प्राचीन शिव मंदिर में सैकड़ों श्रद्धालुओं ने शिवलिंग पर जलाभिषेक किया। तोरण इस दौरान जहां श्रद्धालुओं द्वारा सोमवार का व्रत रखा गया वही विभिन्न मंदिरों में जलाभिषेक किया गया।
बहुत से परिवारों द्वारा सड़क किनारे बेरी के पेड़ों के समक्ष व्रत कथा पर पूजा अर्चना की गई। वही अनेकों पेड़ पौधों को भी जल चढ़ाया गया कुछ जगहों पर भगवान शिव से बरसात कराने की कामना की गई।
प्रार्थना करते हुए कहा कि देश शिव बरसात ना होने की वजह से धान की फसलें अन्य फसलें सूख रही हैं अपनी कृपा कर उन्हें बचाने का प्रयास करें वही सुबह से ही मंदिरों में श्रद्धालुओं की भीड़ जमा थी।
सरयू स्नान कर बागनाथ की पूजा
बागेश्वर: भक्तों ने सरयू नदी के जल से भगवान शिव का अभिषेक किया। विधिविधान से पूजा अर्चना कर भगवान शिव से सुख और समृद्धि का आशीर्वाद मांगा। भक्तों की सुबह से ही लंबी कतार लगनी शुरू हो गई है। भक्तों की भीड़ को देखकर मंदिर परिसर में पूजा अर्चना करवाने वाले पंडित-पुरोहितों के चेहरे भी खिले रहे। मंदिर प्रबंधन समिति के अध्यक्ष नंदन सिंह रावल ने कहा कि मंदिर में भक्तों की भीड़ उमड़ने की संभावना को देखते हुए पुलिस प्रशासन का सहयोग मांगा गया था।
उन्होंने मंदिर आ रहे भक्तों से कोविड गाइडलाइन का विशेष ध्यान देने और कड़ाई से पालन करने की भी अपील की। इधर, श्रावण के पहले सोमवर को जिले के कपकोट के शिवालय, गरुड़ के बैजनाथ धाम सहित कांडा, दुगनाकुरी और काफलीगैर तहसील के देवालयों में पूरे दिन पूजा अर्चना होगी।