सावधान! सुविधाओं ही नहीं बीमारियों का भी पिटारा है स्मार्टफोन, मोटापे से लेकर कैंसर तक है खतरा

यदि आप रोजाना पांच घंटे या इससे ज्यादा फोन इस्तेमाल करते हैं तो आपको सावधान रहने की जरूरत है। एक शोध का दावा है कि ज्यादातर समय फोन पर व्यस्त रहने वाले छात्रों की जीवनशैली में कई बदलाव आ जाते हैं। इसके चलते उनमें मोटापे और आगे चलकर हृदय रोग का खतरा हो सकता है यह हमारे स्वास्थ्य को किस तरह प्रभावित कर रहा है।’ इस शोध के लिए 19 से 20 साल के 1060 छात्रों को चुना गया था। पांच घंटे फोन इस्तेमाल करने वाले 43 फीसद छात्र मोटापे के खतरे का सामना कर रहे थे।

 

मोबाइल फोन हमारे समय की सबसे बड़ी जरूरत बन कर उभरा है। कुछ सामान्य कामों को छोड़ दें तो एक व्यक्ति दिन के 10-12 घंटे स्मार्टफोन अपने पास ही रखता है और कुछ तो इससे भी ज्यादा समय तक स्मार्टफोन पास रखते हैं। बहुत से लोग सोते समय भी मोबाइल को ऑन करके ही अपने तकिये के पास या आसपास रखते हैं। ये आंकड़े मैं आपको इसलिए बता रहा हूं ताकि आप समझ सकें कि मोबाइल फोन से होने वाले खतरों से एक साथ कितनी बड़ी जनसंख्या और कितना बड़ा वर्ग प्रभावित हो रहा है। मोबाइल फोन से आपके स्वास्थ्य को क्या-क्या खतरे हो सकते हैं।

टेक्स्ट नेक सिंड्रोम

मोबाइल फोन के इस्तेमाल में ज्यादातर समय आप गर्दन झुकाकर नीचे देखते हैं। इससे गर्दन की मांसपेशियों में खिंचाव हो सकता है और ये अकड़ सकती हैं। ये छोटी सी गलती कई बार आपके कमर और कंधों तक या उसके भी नीचे पहुंच जाती है। इसी बीमारी को टेक्स्ट नेक सिंड्रोम कहते हैं। अगर आप लंबे समय तक मोबाइल फोन का इस्तेमाल करते ही हैं तो कम से कम 20 मिनट में एक बार आंखों को स्क्रीन से हटाकर शरीर को थोड़ा सा स्ट्रेच कर लीजिए। कई योगासनों की मदद से भी आप इस बीमारी से बच सकते हैं।

डायबिटीज, दिल की बीमारियां और मोटापा

मोबाइल आपको डायबिटीज, मोटापा और दिल की कई गंभीर बीमारियां दे सकता है। लाइटिंग स्क्रीन वाले गैजेट्स का देर रात तक इस्तेमाल करने से आपकी आंखों पर प्रभाव पड़ता है और आपकी नींद भी प्रभावित होती है। इससे आपको दिल की बीमारियों के साथ-साथ मोटापा की समस्या भी हो सकती है और आंखों को ग्लूकोमा या लो नाइट विजन की समस्या हो सकती है। शोध के मुताबिक आंखों के लिए सबसे हानिकारक स्मार्ट फोन की ब्लू यानि नीली लाइट होती है।

कैंसर का खतरा

मोबाइल फोन से पैदा होने वाले रेडिएशन की वजह से कई तरह के ट्यूमर्स और कैंसर का खतरा होता है। इसलिए इसके ज्यादा इस्तेमाल की सलाह नहीं दी जा सकती है। रेडिएशन के प्रभाव से बचना तो आजकल मुश्किल है लेकिन इसके प्रभाव को कम जरूर किया जा सकता है जैसे रात में सोते समय मोबाइल को ऑफ करके सोएं और मोबाइल पर बात करते हुए स्पीकर मोड पर फोन रखें या ईयरप्लग्स का इस्तेमाल करें। इसके अलावा मोबाइल फोन को अपने ऊपर की जेब में यानि दिल के करीब न रखें।

थंब अर्थराइटिस

थंब अर्थराइटिस यानि अंगूठे के अर्थराइटिस का खतरा भी मोबाइल फोन के ज्यादा इस्तेमाल से हो सकता है। इसके कारण आपके अंगूठे के निचले हिस्से में दर्द और सूजन की समस्या हो सकती है। थंब अर्थराइटिस आपकी कलाइयों को भी प्रभावित कर सकता है और इससे आपके अंगूठों की शक्ति क्षीण हो सकती है। थंब अर्थराइटिस होने पर आपको चीजों को पकड़ने में और अंगूठे के मोशन की परेशानी हो सकती है।

टॉयलेट सीट से ज्यादा जर्म्स

आपके मोबाइल फोन पर आपकी टॉयलेट सीट से 10 गुना ज्यादा जर्म्स हो सकते हैं। मोबाइल फोन की बॉ़डी पर लगे जर्म्स और बैक्टीरिया के कारण डायरिया और पेट की बीमारियां हो सकती हैं। इसलिए अगर आप मोबाइल फोन का ज्यादा इस्तेमाल करते हैं तो आपको हर दो घंटे में हाथों को साबुन से धुलना चाहिए या सैनिटाइजर का इस्तेमाल करना चाहिए। टॉयलेट में मोबाइल फोन ले जाना गलत है और कुछ खाते समय इसके इस्तेमाल से इंफेक्शन का खतरा कई गुना बढ़ जाता है।

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