सार्क सम्मेलन स्थगित होने पर नाराज पाकिस्तान अब भारत से बदला लेने की तैयारी कर रहा है। पाकिस्तान ‘सार्क’ से भी बड़ा समूह बनाने की सोच रहा है। इसके लिए उसने दक्षिण एशियाई देशों से बातचीत भी शुरू कर दी है।
आपसी सहयोग के लिए बनाए गए आठ दक्षिण एशियाई देशों के समूह यानी सार्क का सम्मेलन इस बार पाकिस्तान में होना था। लेकिन उरी आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ आवाज उठाई। असर यह हुआ कि सार्क के सदस्य देशों ने पाकिस्तान में आयोजित सम्मेलन में शामिल होने से इनकार कर दिया।
इन सभी सदस्य देशों ने आतंकवाद को वजह बताकर पाकिस्तान से किनारा किया है। लेकिन अब पाकिस्तान सार्क से भी बड़ा समूह बनाने की तैयारी कर रहा है। इसके लिए पाकिस्तान से पांच सदस्यों का प्रतिनिधिमण्डल न्यूयॉर्क पहुंचा है। इसी प्रतिनिधिमण्डल ने यह आइडिया भी दिया है।
इस बारे में प्रतिनिधिमण्डल के सदस्य मुशाहिद हुसैन सैय्यद ने कहा, ‘दक्षिण एशिया के कई देश तेजी से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उभर रहे हैं। इनमें चीन और ईरान अहम हैं।’
चीन-पाकिस्तान इकोनॉमिक कोरिडोर (सीपीईसी) का हवाला देते हुए उन्होंने कहा, ‘सीपीईसी के जरिए सिर्फ चीन ही नहीं, कई और देशों को मदद मिल सकती है।’
उन्होंने कहा कि वह भारत को भी इसके लिए आमंत्रित करेंगे, लेकिन जानते हैं कि भारत इसमें शामिल नहीं होगा, क्योंकि वह सार्क का हिस्सा है और इसका फायदा भी उठा रहा है।
उन्होंने कहा कि सार्क में भारत की चलती है। इसी वजह से अब हमें नए साझीदारों की जरूरत महसूस हो रही है। उन्होंने इस बात की पुष्टि भी की कि पाकिस्तान अब दक्षिण एशियाई देशों का नया समूह बनाने की कोशिश में लगा हुआ है।
बीते महीने भारत ने सार्क में पाकिस्तान को अकेला कर दिया था। 15 और 16 नंवबर को सम्मेलन होना था लेकिन भारत के विरोध के कारण किसी देश ने इसमें भागीदारी की जरूरत नहीं समझी।
भारत के साथ अफगानिस्तान, बांग्लादेश, भूटान, नेपाल, मालदीव और श्रीलंका ने सार्क सम्मेलन में पाकिस्तान को बॉयकॉट कर दिया था।