सारी अटकलों को विराम देते हुए अब यह स्पष्ट हो गया है कि बाबूलाल मरांडी भाजपा में शामिल होंगे। झारखंड विकास मोर्चा (झाविमो) के भाजपा में विलय का प्रस्ताव पारित हो गया है। मंगलवार को झाविमो कार्यकारिणी की बैठक में इस प्रस्ताव को सहमति मिली। कार्यकारिणी की बैठक में पार्टी सुप्रीमो बाबूलाल मरांडी ने विलय का प्रस्ताव रखा। विलय का प्रस्ताव पारित होने के बाद मीडिया को संबोधित करते हुए बाबूलाल मरांडी ने कहा कि 17 फरवरी को रांची के जगन्नाथपुर में प्रभात तारा मैदान में झाविमो का भाजपा में विलय किया जाएगा।
बाबूलाल ने कहा कि कार्यक्रम में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, केंद्रीय उपाध्यक्ष ओम प्रकाश माथुर, भाजपा के सभी सांसद-विधायक मौजूद रहेंगे। बाबूलाल ने कहा कि झाविमो का प्रत्येक कार्यकर्ता इस कार्यक्रम में मौजूद रहेगा। विलय के बाद झाविमो के निचले स्तर के कार्यकर्ता को भी पूरा सम्मान दिया जाएगा। बाबूलाल से जब यह सवाल किया गया कि भाजपा में वह किस पद पर काम करेंगे तो बाबूलाल ने कहा कि भाजपा झाडू लगाने का भी काम देगी तो करेंगे।
17 फरवरी को रांची के प्रभात तारा मैदान में होने वाले एक भव्य कार्यक्रम में झाविमो का भाजपा में विलय होगा। इसमें केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के भी हिस्सा लेने की बात कही जा रही है। बताया जाता है कि भाजपा में शामिल होने के बाद बाबूलाल मरांडी नेता प्रतिपक्ष बनाए जा सकते हैं। झारखंड विधानसभा चुनाव के बाद भाजपा ने अभी तक इस पद को खाली रखा है। दूसरी ओर यह भी कहा जा रहा है कि बाबूलाल केंद्र में मंत्री भी बनाए जा सकते हैं।
मंगलवार को रांची में आयोजित झाविमो कार्यकारिणी की बैठक में झाविमो के सभी जिलाध्यक्ष और कार्यकारिणी के सदस्य मौजूद रहे। बैठक में बाबूलाल मरांडी ने पार्टी के सभी पदाधिकारियों से विलय पर चर्चा की। इसके बाद विलय का प्रस्ताव रखा।
बता दें कि झारखंड के प्रथम मुख्यमंत्री रहे बाबूलाल मरांडी 14 साल बाद भाजपा में वापसी करेंगे। झारखंड राज्य के गठन के बाद राज्य में बनी पहली सरकार में भाजपा के मुख्यमंत्री के तौर पर बाबूलाल ने शपथ ली थी। कुछ मतभेदों के चलते 2006 में बाबूलाल ने भाजपा छोड़कर अपनी अलग पार्टी बना ली थी। वर्तमान में झाविमो के बाबूलाल मरांडी समेत तीन विधायक हैं। हालांकि झाविमो के दो अन्य विधायक प्रदीप यादव और बंधु तिर्की पार्टी के भाजपा में विलय का विरोध कर रहे हैं। विलय का रास्ता साफ करने के लिए बाबूलाल ने दोनों विधायकों को अनुशासनहीनता के आरोप में पार्टी से निष्कासित कर दिया है।