चीन से निकल कर पिछले डेढ़ साल से कोरोना वायरस ने दुनिया भर में तबाही मचाई रखी है। कोरोना महामारी से अब तक दुनिया भर में करोड़ों लोग संक्रमित हो गए और लाखों लोग की जान चली गई है। लेकिन अब तक दुनिया इस सवाल का जवाब नहीं ढूढ़ पाई है कि कोरोना वायरस की उत्पत्ति कैसे हुई? हाल ही में एक नए अध्ययन में दावे के साथ कहा गया है कि कोरोना वायरस चीन के वुहान की उसी लैब में बना था, जिस पर दुनिया का शक है, लेकिन अब अमेरिकी लैब की एक रिपोर्ट ने इस पर मुहर भी लगा दी है।
अमेरिकी सरकार कोरोना वायरस को लेकर रिसर्च करवा रही है। इसकी रिपोर्ट में दावा किया गया है कि कोरोना वायरस के चीन की वुहान लैब से लीक होने की संभावना अधिक है। साथ ही कहा गया है कि इस आगे जांच की जानी चाहिए।
अमेरिकी समाचार पत्र वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट के मुताबिक, इस अध्ययन को मई, 2020 में कैलिफोर्निया में लॉरेंस लिवरमोर नेशनल लेबोरेटरी ने रिसर्च पर काम करना शुरू किया था। ट्रंप के हटने से ठीक पहले स्टेट डिपार्टमेंट की तरफ से वायरस के मूल स्त्रोत को लेकर जांच करने के आदेश दिए थे। लॉरेंस लिवरमोर का मूल्यांकन कोविड-19 वायरस के जीनोमिक एनालिसिस पर आधारित है।
अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जैक सुलिवन ने कहा कि कोविड-19 की उत्पत्ति के बारे में जानकारी देने और पारदर्शिता बनाए रखने के लिए वह अंतरराष्ट्रीय समुदाय के साथ मिलकर चीन पर दबाव बनाना जारी रखेगा। उन्होंने कहा कि इसके साथ ही अमेरिका अपने स्तर पर समीक्षा एवं प्रक्रिया को भी जारी रखेगा।
चीन पर दबाव बनाना जारी रखेगा अमेरिका
उन्होंने कहा, ‘‘हम अंतरराष्ट्रीय समुदाय के साथ मिलकर चीन पर यह दबाव बनाना जारी रखेंगे कि वह पारदर्शिता बरते, आंकड़े एवं सूचना देने के लिए तैयार रहे। वह कहता है कि वह इसमें शामिल नहीं होगा तो ऐसा नहीं होगा कि हम खड़े रहकर केवल यह देखते रहें और उसकी इस बात को मान लें।’’
उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति जो बाइडन पदभार संभालने के बाद इस सप्ताह अपनी पहली विदेश यात्रा पर जब विदेश के नेताओं से मिलेंगे तो यह भी बातचीत का एक विषय होगा। इस बीच कांग्रेस में गवाही के दौरान विदेश मंत्री टोनी ब्लिंकन ने कहा कि कोरोना वायरस की उत्पत्ति को लेकर दो संभावित परिदृश्य हैं। पहला यह कि वायरस प्रयोगशाला से निकला है और दूसरा यह कि वायरस प्राकृतिक रूप से पैदा हुआ।
सदन की विदेशी मामलों की समिति के सदस्य स्टीव चाबोट के एक सवाल के जवाब में ब्लिंकन ने कहा कि जो कुछ हुआ, उसकी तह तक जाने के लिए राष्ट्रपति जो बाइडन ने विस्तृत समीक्षा के आदेश दिए हैं। उन्होंने कहा कि प्रारंभिक समीक्षा मार्च में शुरू हुई थी। जो निष्कर्ष निकले उनके मुताबिक इन्हीं दो में से कोई एक परिदृश्य हो सकता है। अब उन्होंने पूरी सरकार से कहा है कि 90 दिन के भीतर वह खूब गहराई में जाए और हमारे पास जो कुछ भी है उसका पता करे, विशेषज्ञों के साथ मिलकर जानने की कोशिश करे कि क्या हम कुछ ठोस निष्कर्ष पर पहुंच सकते हैं।