सूर्यास्त से पहले सूर्य का संक्रमण हो तो उसी तिथि व दिन में मकर संक्रांति मनाना शास्त्र में बताया गया है और पंचांग के अनुसार 14 जनवरी की रात मध्य रात्रि 02 :19 बजे के बाद सूर्य का संक्रमण होने से मंगलवार को ही मकर संक्रांति मनाया जायेगा. इसी के साथ इस दिन स्नान-दान, तिल ग्रहण करने व कंबल दान करना शुभ माना जाता है और सूर्य के उत्तरायण होने से मनुष्य की कार्यक्षमता में वृद्धि होती है.

आप सभी को बता दें कि इस बार मकर संक्रांति का पर्व 14 जनवरी को अश्विनी नक्षत्र और सर्वार्थ सिद्धि योग में मनाया जाने वाला है. जी हाँ, कहते हैं इस दिन गंगा स्नान और दान पुण्य का विशेष महत्व होता है. वहीं ज्योतिषों ने बताया कि 14 जनवरी दिन सोमवार की मध्य रात्रि में सूर्य का मकर राशि में प्रवेश हो जायेगा इस कारण से मंगलवार 15 जनवरी को दोपहर 12 बजे तक पुण्यकाल में मकर संक्राति का पर्व मनाया जाएगा.
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उदयकालीन तिथि के अनुसार 15 जनवरी को ही सूर्योदय काल से दोपहर 11.28 बजे तक मकर संक्रांति के पुण्य काल में स्नान-दान किया जा सकता है और इसी के साथ ही सूर्य दक्षिणायण से उत्तरायण हो जाएंगे और खरमास समाप्ति हो जायेगी. ज्योतिषों के अनुसार प्रयाग में कल्पवास भी मकर संक्रांति से शुरू होगी और इस दिन को सुख और समृद्धि का दिन माना जाता है. वहीं पौराणिक मान्यताओं के अनुसार तिल से बनी सामग्री ग्रहण करने से कष्ट दायक ग्रहों से छुटकारा मिलता है.
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