समाजवादी पार्टी के टिकट पर पहली बार लोकसभा पहुंचे आजम खां को कोर्ट से जोरदार झटका लगा है। किसानों की जमीन पर कब्जा करने के मामले में भू-माफिया घोषित आजम खां गिरफ्तारी से बचने की जुगत में लगे हैं। अदालत ने उनके खिलाफ दर्ज मुकदमों में अग्रिम जमानत की 29 याचिकाएं खारिज कर दी हैं।
29 याचिकाएं कीं खारिज
सांसद आजम की ओर से अधिवक्ता ने अग्रिम जमानत के लिए याचिकाएं सेशन कोर्ट में दाखिल की थीं। इन सभी अग्रिम जमानत पर मंगलवार को सुनवाई हुई थी। सांसद की ओर से सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता एवं पूर्व सहायक महाधिवक्ता सुहेल खां ने बहस की थी। उनका कहना था कि सभी मामले राजनीति से प्रेरित हैं।
द्वेष भावना के तहत मुकदमे दर्ज किए गए हैं। अभियोजन की ओर से जिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) दलविंदर सिंह डंपी और जिला शासकीय अधिवक्ता (राजस्व) अजय तिवारी ने बहस की थी। इनका तर्क था कि इन मामलों में सांसद की ओर से हाईकोर्ट में भी याचिकाएं दाखिल की गई हैं, जो विचाराधीन हैं। ऐसे में यहां सुनवाई का कोई औचित्य नहीं है। तिवारी के मुताबिक सेशन कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद सांसद की सभी 29 याचिकाएं खारिज कर दी हैं।
आलियागंज के किसानों की हैं जमीनें
सांसद की ओर से दायर याचिकाओं में 28 मामले जमीनों पर कब्जे से जुड़े मुकदमों की थीं। ये जमीनें आलियागंज के किसानों की हैं। इन किसानों का आरोप है कि सपा शासनकाल में मंत्री रहते आजम ने जबरन उनकी जमीनों पर कब्जा कर लिया और अपनी मुहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी में मिला लिया। इसके अलावा एक मुकदमा मदरसा आलिया से किताबें चोरी का है, जो शहर कोतवाली में दर्ज हुआ था। यह किताबें पुलिस ने पिछले दिनों जौहर यूनिवर्सिटी की लाइब्रेरी से बरामद की थीं।