नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले यूपी विधानसभा चुनाव में त्रिशंकु नतीजे आ सकते हैं, जिसमें बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरेगी तथा भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) दूसरे व समाजवादी पार्टी (सपा) तीसरे स्थान पर रहेगी। एक सर्वे में यह दावा किया गया है। सर्वेक्षण में चौंकाने वाला तथ्य यह है कि 43 फीसदी लोगों में से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को औसत या पास अंक यानी 30 से 50 दिया, जबकि 25 फीसदी लोगों का सोचना है कि वह 20 अंक से ज्यादा के लायक नहीं हैं। भाजपा की स्थित बेहतर न होने की वजह लोग मुख्यमंत्री उम्मीदवार की घोषणा न कर मोदी की ‘उपलब्धियों’ के भरोसे राज्य का चुनाव लड़ा जाना बताया जा रहा है।
यूपी विधानसभा चुनाव
यूपी विधानसभा चुनाव में मोदी सरकार में लिए महंगाई सबसे बड़ी चुनौती महंगाई पर नियंत्रण न रख पाना मोदी सरकार के लिए बड़ी परेशानी बनी है। उत्तर प्रदेश के लगभग एक तिहाई मतदाताओं ने कहा कि मोदी ने महंगाई घटाने के लिए कोई प्रयास नहीं किया। 33 फीसदी लोगों ने कहा कि मोदी बोलते ज्यादा हैं, करते कम हैं। उन्होंने अपना एक भी वादा पूरा नहीं किया। कुल 403 सीटों वाले उत्तर प्रदेश विधानसभा में बसपा को वर्तमान से 89 सीटें अधिक मिलने का अनुमान है।
यूपी विधानसभा चुनाव में सत्तारूढ़ सपा 170 सीटें हारकर 74 सीटों पर सिमट सकती है। वर्तमान में सपा के पास कुल 224 सीटें हैं। वहीं, भाजपा की सीटें वर्तमान में 47 से बढ़कर 135 हो सकती हैं। भाजपा को अगर नुकसान होगा, तो केवल इस बात से कि उसने मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार पेश नहीं किया है। सबसे बड़ी बात तो यह है कि मुख्यमंत्री पद के लिए वरुण गांधी 23 फीसदी मतों के साथ तीसरे सबसे पसंदीदा नेता बनकर उभरे हैं। वहीं मायावती को 28 फीसदी जबकि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को मुख्यमंत्री के रूप में 25 फीसदी लोगों ने पसंद किया।
भाजपा अकेली ऐसी पार्टी है, जिसने मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित नहीं किया है। समस्या यह है कि दावेदारों में वरुण गांधी से लेकर योगी आदित्यनाथ, पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह तथा भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य भी हैं। सर्वे में कांग्रेस को सर्वाधिक नुकसान होता दिख रहा है। यह वर्तमान 28 सीटों से मात्र 15 सीटों पर सिमट सकती है, जबकि अन्य को 10-28 सीटें मिल सकती हैं।
प्रतिभागियों ने कहा है कि उत्तर प्रदेश में कानून-व्यवस्था की स्थिति को देखकर मतदाता अपना मत सपा को देने को लेकर दो बार सोचेंगे। मुख्यमंत्री के रूप में मायावती द्वारा किए गए कार्यो से लोग प्रभावित नजर आए। कुल 32 फीसदी मतों के साथ उन्हें सबसे पसंदीदा मुख्यमंत्री चुना गया। वहीं कल्याण सिंह को 18 फीसदी तथा अखिलेश यादव को 15 फीसदी लोगों ने मुख्यमंत्री के रूप में पसंद किया।