पानी के मुद्दे पर पंजाब सरकार द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में लोक इंसाफ पार्टी को न्योता नहीं दिया गया। विरोधस्वरूप पार्टी नेता विधायक बैंस ब्रदर्स समर्थकों के साथ पंजाब भवन के बाहर एकत्र हो गए। पुलिस ने उन्हें बेरिकेट्स लगाकर रोक दिया। इस दौरान पुलिस व बैंस ब्रदर्स समर्थकों में धक्का-मुक्की भी हुई। पंजाब भवन में जबरन घुसने को लेकर चंडीगढ़ पुलिस ने विधायक सिमरजीत बैंस को गेट से बाहर कर दिया। इसके बाद वे समर्थकों के साथ वहीं बाहर सड़क पर बैठ गए। 
लोक इंसाफ पार्टी को पानी के मुद्दे पर बुलाई गई सर्वदलीय बैैैैठक में न बुलाए जाने से नाराज पार्टी के प्रधान व विधायक सिमरजीत सिंह बैंस ने आरोप लगाया है कि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह पर चल रहे सिटी सेंटर घोटाले के केस में वह शामिल होना चाहते थे। इस केस को ट्रायल तक ले जाना चाहते थे, इसीलिए उनसे नाराज होकर उनकी पार्टी को सर्वदलीय बैठक में नहीं बुलाया गया है।

उन्होंने कहा कि लोक इंसाफ पार्टी के विधानसभा में 2 विधायक हैं। ऐसे में उन्हें अपनी बात रखने से कैसे रोका जा सकता है। बैंस ने यह भी आरोप लगाया की विधानसभा के दो सत्र में वह लगातार पानी संबंधी प्राइवेट बिल ला रहे हैं। एक बिल जो पिछली सरकार के दौरान अकाली-भाजपा सरकार ने पेश किया था, उसमें नॉन रिपेरियन राज्यों से पंजाब की ओर से दिए जा रहे पानी का बिल वसूलने संबंधी प्रस्ताव पारित हुआ था। तय हुआ था कि सरकार राजस्थान को पानी का बिल भेजेगी।
बैंस ने कहा कि जब हिमाचल प्रदेश दिल्ली को दिए जा रहे पानी का 21 करोड़ रुपये वसूलने संबंधी बिल भेज सकता है तो पंजाब ऐसा क्यों नहीं कर सकता। बैंस ने यह भी आरोप लगाया कि केंद्र सरकार पानी के मुद्दे पर पंजाब के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है। उन्होंने कहा कि भूजल को रिवाइव करने के लिए केंद्रीय स्तर पर बनी 6000 करोड़ रुपये की अटल भूजल योजना से पंजाब को बाहर कर दिया गया है, जबकि पूरे देश में सबसे ज्यादा भूजल पंजाब का दोहन हो रहा है।
उन्होंने कहा कि हमारा 69 फीसद पानी निकाला जा चुका है और पंजाब तेजी से रेगिस्तान बनने की ओर अग्रसर है। ऐसे में आज जब इस मौके पर मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने सर्वदलीय बैठक का आयोजन किया था तो उनकी पार्टी को इसका न्योता नहीं दिया गया। इसी का विरोध वह आज सर्वदलीय मीटिंग आयोजन स्थल के बाहर कर रहे हैं।
बैंस ने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री की नाराजगी उनसे हो सकती है, लेकिन पंजाब के मसलों को उठाने के लिए उन्हें रोका नहीं जा सकता। वह लोगों के चुने हुए नुमाइंदे हैं। बता दें, पंजाब भवन जहां पर सर्वदलीय मीटिंग चल रही है। उस सड़क को आम आवाजाही के लिए रोक दिया गया है केवल उन्हीं लोगों को आगे जाने दिया जा रहा है जिन्हें मीटिंग में शामिल होने का न्योता दिया गया है।
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