सरोवर नगरी के पर्यटन कारोबार पर मंदी की मार पड़ी है। पर्यटन कारोबारियों का दावा है कि पार्किंग के बहाने की जा रही सख्ती और नकारात्मक प्रचार से पर्यटन कारोबार में 40 फीसद तक गिरावट आई है। इस बार नव वर्ष के जश्न और बाद के दिनों में बर्फबारी भी पर्यटन को संजीवनी नहीं दे सका। नैनीताल में करीब 500 होटल-गेस्ट हाउस हैं। शहर की 50 हजार आबादी में से करीब 35 हजार की आजीविका प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से पर्यटन उद्योग पर निर्भर है। मगर पार्किंग स्थल की कमी और प्रशासन के सख्त दिशा निर्देशों के बाद पर्यटन कारोबार पर गहरा प्रभाव पड़ रहा है।
होटल कारोबार की बुरी स्थित, हो रही छंटनी
नैनीताल के प्रतिष्ठित होटल कारोबारी व नार्दन इंडिया होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन के संयुक्त सचिव प्रवीण शर्मा ने पर्यटन विभाग के पर्यटकों की संख्या बढऩे के दावे पर सवाल उठाया है। उनका कहना है कि होटल संचालकों की ओर से सिर्फ विदेशी पर्यटकों के बारे में पुलिस को सूचना दी जाती है। इस साल अब तक 40 फीसद कारोबार में गिरावट दर्ज की गई है। इस कारण 15 जनवरी को ही होटलों से सैकड़ों कर्मचारियों की कटौती हो चुकी है। उन्होंने आशंका जताई कि यदि सरकार ने इस ओर ध्यान नहीं दिया तो पर्यटन उद्योग में इस साल बेरोजगारी 25 फीसद तक बढ़ जाएगी। होटल व्यवसायी दिग्विजय बिष्टï बताते हैं कि शहर में पर्यटन कारोबार को फिर पटरी पर लाने के लिए सार्थक पहल करनी होगी। इसके लिए सरकार को खुद आगे आना होगा।
2019 में पर्यटक बढ़े
पर्यटन विभाग की रिपोर्ट के अनुसार 2017 में नौ लाख दस हजार 323 देशी, 8,329 विदेशी। 2018 में नौ लाख 24 हजार 316 देशी, 9,341 विदेशी। 2019 में नौ लाख 33 हजार 906 पर्यटक देशी, 9,565 विदेशी पर्यटक आए। उधर, चिडिय़ाघर की रिपोर्ट का हवाला देते हुए रेंजर ममता चंद के अनुसार 2018 में अप्रैल से दिसंबर तक 222086 पर्यटकों ने वन्यजीवों का दीदार किया। 2019 में अप्रैल से दिसंबर तक यह संख्या 222730 रही।