राज्य में अल्प वृष्टि के कारण अकाल का दौर है। राज्य के डैम अभी से ही सूखने लगे हैं। पानी की समस्या है। वहीं दूसरी और गुजरात की जीवन की डोर समान नर्मदा डैम में केमिकल युक्त पानी के कारण राज्य सरकार हरकत में आयी है। पानी पीने काबिल नहीं होने से नर्मदा जिला के दो तहसीलों के तकरीबन 138 गांवों जलापूर्ति रोक दी गयी है। नर्मदा बांध के काले पानी की जांच के लिए अहमदाबाद और आणंद की लैब में जांच के लिए भेजा गया है। पानी में आक्सीजन की कमी के कारण लाखों की तादाद में मछलियों की मौत हो गयी थी।
नर्मदा डैम के पानी में 24 जनवरी की रात को अचानक परिवर्तन दिखाई पड़ा। नर्मदा की मुख्य कैनाल में दुर्गंध युक्त और केमिकल वाले पानी के कारण नसवाडी के पास मछलियां मरी हुई मिली। इन्हें देखने के लिए कैनाल पर लोगों का जमावड़ा लग गया। गत कई दिनों से कैनाल के पानी में परिवर्तन आया था। केमिकल के कारण पानी में आक्सीजन का अभाव हो गया, इससे मछलियों की मौत हो गई। इससे पानी में हैवी मेटल एवं पेस्टी साइज के कारण वैक्टीरियल रिपोर्ट भी निगेटिव आयी। पानी का सेम्पल आणंद और अहमदाबाद को लेबोरेटरी में जांच के लिए भेज दिया गया है। इन 138 गांवों में पेय जल की आपूर्ति रोक देने से लोग हैंण्ड पाइप और कुंए के पानी का उपयोग कर रहे है। वर्तमान समय में नसवाडी, गोधरा और राजपीपला का पानी फिल्टर प्लाँट भी बंद कर दिया गया है। जलपूर्ति विभाग के सचिव जेपी गुप्ता ने बताया कि जहाँ दूषित पानी है वहाँ शुद्दिकरण की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। स्थानीय सोर्स एवं नर्मदा ग्रीड द्दारा लोगों को पानी दिया जा रहा है।