सरकार ने शुक्रवार को प्याज और बासमती चावल पर न्यूनतम निर्यात मूल्य (एमईपी) की सीमाओं को हटाने का निर्णय लिया है। यह कदम निर्यात को प्रोत्साहन देने और किसानों की आय बढ़ाने के उद्देश्य से उठाया गया है। प्याज पर पहले 550 डॉलर प्रति टन का एमईपी लागू था, जिसे अब हटा दिया गया है। इसी तरह, बासमती चावल के निर्यात के लिए 950 डॉलर प्रति टन की एमईपी सीमा को भी समाप्त कर दिया गया है।
इस निर्णय का विशेष महत्व आगामी महाराष्ट्र और हरियाणा विधानसभा चुनावों के संदर्भ में है। महाराष्ट्र प्रमुख प्याज उत्पादक राज्य है, जबकि हरियाणा बासमती चावल के प्रमुख उत्पादकों में से है। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा है कि इस कदम से निर्यात बढ़ेगा और किसानों की आमदनी में सुधार होगा।
सरकार ने प्याज की बढ़ती कीमतों को नियंत्रित करने के लिए भी कदम उठाए हैं। दिल्ली और मुंबई में प्याज की रियायती दरों पर खुदरा बिक्री शुरू की गई है, जिसमें प्याज 35 रुपए प्रति किलो की दर से बेचा जा रहा है। सरकार का 4.7 लाख टन प्याज का बफर स्टॉक है, जो कीमतों में स्थिरता बनाए रखने में मदद करेगा।
यह निर्णय ऐसे समय में लिया गया है जब प्याज के खुदरा मूल्य में वृद्धि हो रही है और सरकार ने आने वाले महीनों में प्याज की उपलब्धता के सकारात्मक रहने की उम्मीद जताई है।
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