खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री भारत भूषण आशु ने घोषणा की है कि सरकार अगले सीजन से आटा-दाल योजना के साथ चीनी और चायपत्ती भी देना शुरू करेगी। कांग्रेस ने जो वादे किए हैं, वे सभी पूरे करेगी। आशु अकाली विधायक एनके शर्मा के सवाल का उत्तर दे रहे थे। शर्मा ने पूछा था कि कांग्रेस ने सत्ता में आने से पहले वादा किया था कि चायपत्ती और चीनी भी दी जाएगी, सरकार यह कब से देना शुरू करेगी ।
2500 रुपये पेंशन देने का वादा नहीं था
सामाजिक सुरक्षा विभाग की मंत्री अरुणा चौधरी ने सदन में कहा कि बुजुर्गों को 2500 रुपये की पेंशन देने का कांग्रेस ने कभी वादा नहीं किया था। यह वादा 1500 रुपये का था जो सरकार के विचाराधीन है। अकाली विधायक पवन टीनू के सवाल के उत्तर में अरुणा चौधरी ने कहा कि सत्ता संभालते ही सरकार ने सामाजिक सुरक्षा पेंशन 500 रुपये से बढ़ाकर 750 रुपये कर दी, जबकि अकाली दल ने नौ साल तक केवल 250 रुपये पेंशन दी और अंतिम साल में पांच सौ रुपये की।
मिड डे मील कुक को 3000 रुपये देने का मामला विचाराधीन
शिक्षा मंत्री विजय इंदर सिंगला ने आप विधायक अमन अरोड़ा के सवाल पर कहा कि मिड डे मील कुक का मानदेय 1700 से बढ़ाकर 3000 रुपये करने का मामला सरकार के विचाराधाीन है और फाइल को मंजूरी के लिए वित्त विभाग को भेज दिया है। उन्होंने कहा कि सत्ता में आते ही सरकार ने 1200 से 1700 रुपये मानदेय किया था।
पंजाब में बनेगा जेल विकास बोर्ड, हर बैरक के बाहर पीसीओ पर विचार
तेलंगाना की तर्ज पर पंजाब में जेल विकास बोर्ड बनाया जाएगा। इसके लिए विधानसभा में बिल पास हो गया। बिल पेश करने के बाद मंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा यह माना की जेलों में रसूखदारों का गठजोड़ है। उन्होंने सदन को भरोसा दिलाया कि वह इस गठजोड़ को तोडऩे में लगे हैं। बिल पर बहस करते हुए लोक इंसाफ पार्टी के सिमरजीत सिंह बैंस ने कहा ‘मेरा जेल से पुराना रिश्ता है। मैं जेल जाता ही रहा हूं। इसलिए मुझे पता है कि स्थिति क्या है।’ इस पर मंत्री ने कहा, जेल में पीसीओ की संख्या बढ़ाई गई है। हर कैदी से परिवार के 10 सदस्यों के नंबर लिए गए हैं, जो 10 से 15 मिनट उस नंबर पर बात कर सकते हैं। हमारी कोशिश है कि हर बैरक के बाहर ही पीसीओ स्थापित हो जाए।
मंत्री ने कहा कैदियों को बोर्ड की विभिन्न गतिविधियों में शामिल कर राजस्व पैदा करने में सहायता मिलेगी। जो राजस्व इकट्ठा होगा, वह खजाने में जमा नहीं होगा। उसे जेल के विकास पर ही खर्च किया जाएगा। बोर्ड की अध्यक्षता मुख्यमंत्री करेंगे और जेल मंत्री इस बोर्ड के सीनियर वाइस चेयरपर्सन व जेल विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव, सचिव इसके वाइस चेयरपर्सन होंगे। इसके अलावा अतिरिक्त मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव (राजस्व), अतिरिक्त मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव (वित्त), सचिव कानूनी और वैधानिक मामले, रजिस्ट्रार जनरल पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट और डायरेक्टर प्रॉसीक्यूशन एंड लिटीगेशन इसके कार्यकारी मेंबर होंगे।
सरकार की ओर से दो गैर -सरकारी व्यक्ति नामजद किए जाएंगे, जिनमें से कम से कम एक महिला होगी, जिसने जेल प्रशासन या जेल सुधारों के क्षेत्र में अपनी अलग पहचान बनाई हो। सरकार दो जेल अधिकारियों को मेंबर के तौर पर नामजद करेगी, जो केंद्रीय जेलों के सुपरिंटेंडेंट या इसके बराबर या ऊपर का पद रखते हों। जेलों के डायरेक्टर जनरल, अतिरिक्त डायरेक्टर जनरल इस बोर्ड के मेंबर सचिव होंगे।
विधायक कर सकते हैं जेलों का निरीक्षण
जेल मंत्री ने कहा, ‘कोई भी विधायक अपने क्षेत्र में जेल का निरीक्षण कर सकता है, लेकिन अभी तक किसी भी विधायक ने ऐसा नहीं किया। विधायक सीधा जेल जा सकते हैं। वे कैदियों से मिल कर उनकी समस्या सुन सकते हैं।