केंद्र सरकार के वर्तमान कार्यकाल का आखिरी बजट को केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने बृहस्पतिवार, 1 फरवरी 2024 को लोक सभा में पेश किया। अपने बजट भाषण में वित्तमंत्री ने युवाओं को सरकार के 4 प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में से एक बताते हुए शिक्षा, रोजगार और कौशल विकास को लेकर किए जा रहे कार्यों की जानकारी सदन के निचले पटल पर रखी।
वित्तमंत्री ने कहा कि पिछले 10 वर्षों में सरकार का शिक्षा पर खर्च हर साल बढ़ा है और वर्ष 2023-24 के लिए केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय को अब तक का सर्वाधिक 1,12,898.97 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया। साथ ही वित्तमंत्री ने जानकारी दी कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के लागू करने के साथ शिक्षा में परिवर्तनकारी सुधार किए जा रहे हैं।
इसी प्रकार सामर्थ्यवान युवाओं के कौशल विकास के लिए किए गए कार्यों की भी जानकारी देते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार द्वारा 3000 नए ITI स्थापित किए गए। साथ ही, उच्चतर शिक्षा के लिए बड़ी संख्या में नए संस्थानों के अंतर्गत 7 IIT, 16 IIIT, 7 IIM, 15 AIIMS और 390 विश्वविद्यालय स्थापित किए गए हैं।
जल्द ही होने वाले लोकसभा चुनावों के मद्देनजर इस बार अंतरिम बजट पेश किया गया। वित्तमंत्री के बजट 2024 भाषण के बाद चाहे विश्वविद्यालय हों या स्कूल या एडुटेक कंपनियां, शिक्षा और कौशल विकास में लगे विभिन्न स्टेकहोल्डर्स ने इस बजट का स्वागत किया।
गलगोटिया यूनिवर्सिटी के सीईओ डॉ. ध्रुव गलगोटिया ने कहा, “हम युवा सशक्तिकरण और शिक्षा सुधार के प्रति सरकार के अटूट समर्पण की सराहना करते हैं, जिसका उदाहरण राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 है। पिछले दशक में उच्च शिक्षा में 28% तथा STEM पाठ्यक्रमों में 43% की छात्राओं के नामांकन में वृद्धि एक समावेशी और विविध शैक्षिक परिदृश्य बनाने के महत्व को भी उजागर करते हैं।”
इसी प्रकार, पुणे के ‘द एकेडेमी स्कूल’ (TAS) की सीईओ डॉ. मैथिली ताम्बे कहती हैं, “स्किल इंडिया मिशन के साथ, जिसने 1.4 करोड़ युवाओं को सफलतापूर्वक प्रशिक्षित किया है, सरकार ने आर्थिक विकास को बढ़ावा देने में कौशल विकास के महत्व को पहचाना है और परिणामस्वरूप इस मिशन के लिए अपनी वित्तीय प्रतिबद्धता बढ़ा दी है।”
दूसरी तरफ, एडुटेक कंपनी सुरासा के फाउंडर ऋषभ खन्ना ने कहा कि बजट में युवा सशक्तिकरण और कौशल विकास पर जोर देश के शैक्षिक परिदृश्य को आगे बढ़ाने के लिए भारत सरकार की प्रतिबद्धता का प्रमाण है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत शिक्षकों की कमी को दूर करने और परिवर्तनकारी सुधारों को लागू करने के उद्देश्य से रणनीतिक पहल सराहनीय हैं। तकनीकी आधारित शिक्षा को प्रेरित करने, विशेष रूप से टियर 3+ कस्बों में, और डिजिटल बुनियादी ढांचे, शिक्षक प्रशिक्षण और स्थानीय भाषा शिक्षा पर जोर देने से हमारे छात्रों के सीखने के अनुभव में उल्लेखनीय वृद्धि होने की उम्मीद है।
ज़ैमिट के फाउंडर आरुल मालवीय भी अंतरिम बजट 2024 का स्वागत करते हुए कहते हैं, “पिछले दशक में उच्च शिक्षा में महिला नामांकन में अट्ठाईस प्रतिशत की उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। STEM पाठ्यक्रमों में लड़कियों और महिलाओं का नामांकन 43 प्रतिशत है, जो वैश्विक स्तर पर उच्चतम आंकड़ों में से एक है। देश के शिक्षा परिदृश्य के लिए ये आशाजनक विकास हैं प्रशंसनीय हैं।”
असोका और एमबीडी ग्रुप की एमडी मोनिका मल्होत्रा कंधारी कहती हैं, “वित्त मंत्री ने आशाजनक आंकड़ों पर प्रकाश डाला, जिसमें स्टेम से संबंधित क्षेत्रों में महिलाओं के नामांकन में 43 प्रतिशत की उल्लेखनीय वृद्धि, उच्च शिक्षा प्राप्त करने वाली महिलाओं में 28 प्रतिशत की वृद्धि और कार्यबल में महिला भागीदारी में सराहनीय वृद्धि शामिल है।”