शाहरूख और करीना स्टारर मूवी ‘Ashoka’ का ‘रात का नशा अभी आंख से गया नहीं’ गाना याद है आपको? चारों तरफ ऊंचे-ऊंचे सफेद मार्बल और बीच में बहती हुई नदी का नज़ारा इंडिया से बाहर का नहीं बल्कि भोपाल के भेड़ाघाट का है। सफेद मार्बल के इन पहाड़ों पर जब रात में चांद की रोशनी पड़ती है उस खूबसूरत नज़ारे की बात ही कुछ और होती है। इसके अलावा भी भोपाल में एक्सप्लोर करने के लिए काफी कुछ है लेकिन आज हम भोपाल के इस हिडन ब्यूटी के बारे में जानेंगे।
भेड़ाघाट- भेड़ाघाट एक छोटा सा शहर है जो जबलपुर से 25 किलोमीटर दूर स्थित है। नर्मदा नदी के तट पर स्थित इस जगह आकर आप खूबसूरत मार्बल के पहाड़, झरनें और प्राचीन मंदिर देख सकते हैं। फोटोग्राफी के लिए भी ये जगह बहुत ही बेहतरीन है। रात की रोशनी के साथ ही उगते सूरज में भी इसकी खूबसूरती बहुत ही शानदार होती है
भेड़ाघाट में घूमने वाली जगहें- भेड़ाघाट भले ही एक छोटा शहर है लेकिन यहां घूमने वाली खूबसूरत जगहों की कोई कमी नहीं। मार्बल हिल्स के अलावा धौंधार फॉल्स और प्राचीन 64 योगिनी मंदिर भी एक्सप्लोर करने के लिए बेस्ट हैं।
भेड़ाघाट मार्बल रॉक- भेड़ाघाट मार्बल रॉक की खूबसूरती तस्वीरों से कहीं बढ़कर है। नर्मदा नदी और मार्बल रॉक की ये खूबसूरती पूरे 8 किमी के एरिया में फैली हुई है। यहां से मार्बल पूरे देशभर में एक्सपोर्ट किए जाते हैं। मार्बल रॉक को करीब से देखने के लिए यहां बोट राइड और केबल कार राइड की भी व्यवस्था है। बोट राइड के दौरान ब्लैक एंड व्हाइट के अलावा कलरफुल मार्बल्स भी देखने को मिलते हैं। चांद की रोशनी में बोटराइड का एक्सपीरियंस ही अलग होता है। पानी में इन मार्बल की परछाई वाकई किसी पेंटिंग से कम नहीं लगती।
धुआंधार फॉल्स- भेड़ाघाट आएं तो यहां घूमना बिल्कुल भी मिस न करें। 30 मीटर की ऊंचाई से गिरते हुए झरने से बनते धुएं के नज़ारे की वजह से ही इसका नाम धुआंधार पड़ा। शाम के वक्त यहां बाहर से आने वाले ही नहीं स्थानीय लोगों की भी अच्छी खासी भीड़ देखने को मिलती है।
चौसठ योगिनी मंदिर- शहर में एक और जो देखने वाली अच्छी जगह है वो है 10वीं सदी का बना चौसठ योगिनी मंदिर। जो 64 योगिनी मंदिरों के 4 खास मंदिरों में से एक है। इसमें आप ललितआसन में बैठे हुई योगिनी के स्टेच्यू को भी देख सकते हैं।
कैसे पहुंचे- जबलपुर एयरपोर्ट और रेलवे स्टेशन, भेड़ाघाट तक पहुंचने का आसान रास्ता है। जहां से शहर की दूरी 33 किमी है। जबलपुर, मध्यप्रदेश का मुख्य शहर है इसलिए यहां की सड़कें भी बेहतर हैं। गवर्नमेंट बसें, कैब और ऑटो की सुविधा रेलवे और एयरपोर्ट पर हमेशा अवेलेबल रहती है।