सबरीमाला मंदिर में दो महिलाओं ने घुसकर की पूजा, अब पवित्र करने के लिए किया जा रहा ये काम

 सबरीमाला मंदिर में महिलाओं को प्रवेश से रोकने की सारी कोशिश उस वक्त धरी रह गईं जब दो महिलाएं गुपचुप तरीके से देर रात भगवान अयप्पा के मंदिर में प्रवेश कर गईं और पूजा कर आईं। खबरों के अनुसार बुधवार अल सुबह 3.45 बजे दो महिलाएं तेजी से मंदिर में घुसीं और भगवान अयप्पा की पूजा करने लगीं।

महिलाओं द्वारा पूजा किए जाने के बाद अब इसे लेकर बवाल शुरू हो चुका है। मंदिर को पवित्र करने के लिए उसे बंद कर दिया गया है वहीं मुख्यमंत्री विजयन ने कहा है कि दो महिलाएं आज मंदिर में प्रवेश कर गईं थीं। हमने पुलिस को निर्देश दिए हैं कि जो भी महिलाएं मंदिर में जाना चाहती हैं उन्हें पूरी सुरक्षा दी जाए।

इन महिलाओं की पहचान बिंदू और कनकदुर्गा के रूप में हुई है। इन दोनों महिलाओं के इस कदम के बाद मंदिर से जुड़ी सैकड़ों साल पुरानी वो परंपरा भी टूट गई जिसके कारण 18 से 50 साल तक की महिलाओं को मंदिर में प्रवेश नहीं करने दिया जाता।
जानकारी के मुताबिक करीब 40 वर्षीय दो महिलाएं बिंदू और कनकदुर्गा ने सुबह पौने चार बजे के करीब मंदिर में प्रवेश कर गईं और वहां पूजा अर्चना की। उन दोनों के साथ पुलिस भी थी। इससे पहले दोनों ने 18 दिसंबर को सबरीमाला मंदिर में प्रवेश करने की कोशिश की थी लेकिन भारी विरोध के चलते कामयाब नहीं हो पाईं थी। दोनों के प्रवेश करने का वीडियो भी सामने आया है।

केरल राज्‍य में स्थित सबरीमाला मंदिर में दस से 50 साल तक की महिलाएं, जो रजस्वला हैं, उनके प्रवेश पर प्रतिबंध है। इसके पीछे यह मान्यता है कि इस मंदिर के मुख्य देवता अयप्पा ब्रह्मचारी थे। ऐसे में इस तरह की महिलाओं के मंदिर में जाने से उनका ध्यान भंग होगा। यहां सिर्फ छोटी बच्चियां और बूढ़ी महिलाएं ही प्रवेश कर सकती हैं।

सबरीमाला मंदिर में हर साल नवम्बर से जनवरी तक, श्रद्धालु अयप्पा भगवान के दर्शन के लिए जाते हैं, बाकि पूरे साल यह मंदिर आम भक्तों के लिए बंद रहता है। भगवान अयप्पा के भक्तों के लिए मकर संक्रांति का दिन बहुत खास होता है, इसीलिए उस दिन यहां सबसे ज़्यादा भक्त पहुंचते हैं।

सर्वोच्‍च अदालत का फैसला

गौरतलब है कि 800 साल पुरानी इस प्रथा पर देश की शीर्ष अदालत ने अपना सुप्रीम फैसला सुनाते हुए नारियों को सबरीमाला मंदिर में जाने की इजाजत दे दी। अब सबरीमाला मंदिर में महिलाएं भी भगवान अयप्‍पा के दर्शन कर सकती हैं। लेकिन सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद भी महिलाओं के मंदिर में प्रवेश करने को लेकर विरोध हो रहा था। केरल की पिनरई विजयन सरकार सुप्रीम कोर्ट के फैसले को अमल में लाने को बाध्य थी तो दूसरी ओर उसे विरोध का भी सामना करना पड़ रहा था। आखिरकार आज महिलाएं मंदिर में प्रवेश पाने में कामयाब हो गईं।

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