सपा विधायक और पूर्व मंत्री आजम खान को गुरुवार को बड़ा झटका लगा। हेट स्पीच (भड़काऊ भाषण) के मामले में उन्हें तीन साल की सजा सुनाई गई है। उन पर 25 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है।अदालत ने सजा देने के साथ ही आजम को जमानत भी दे दी है।
सजा के बाद आजम खान की विधायकी पर भी तलवार लटक गई है। आजम खान को सजा केवल उनके लिए नहीं बल्कि समाजवादी पार्टी के लिए भी बड़ा झटका माना जा रहा है। आजम खान सपा में अखिलेश यादव के बाद सबसे कद्दावर नेता माने जाते हैं।
गुरुवार की दोपहर करीब दो बजे एमपीएमएलए की विशेष अदालत ने सुनवाई शुरू करने के बाद आजम को दोषी ठहराते ही कस्टडी में ले लिया था। चार बजे के करीब अदालत ने फैसला सुनाया। इस दौरान आजम खां कस्टडी में ही रहे।
आजम के खिलाफ तीन धाराओं में केस दर्ज हुआ था। तीनों ही मामलों में उन्हें दोषी माना गया है। 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान आजम पर भड़काऊ भाषण देने का मामला दर्ज किया गया था। आरोप है कि भाषण के दौरान आजम खां ने पीएम मोदी और सीएम योगी पर भी आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल किया था।
आजम की दलील खारिज
इससे पहले आजम खान ने फैसले की तारीख टालने के लिए प्रार्थना पत्र दिया था। उनकी ओर से कहा गया था कि मामला हाईकोर्ट में विचाराधीन है। इसलिए फैसले की तारीख को आगे बढ़ाया जाए। कोर्ट ने उनकी दलील खारिज करते कर दी थी।
आजम पर चुनाव के दौरान कई मामले दर्ज
भड़काऊ भाषण का यह मामला वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव का है। आजम खां लोकसभा का चुनाव लड़़ रहे थे। तब सपा और बसपा का गठबंधन था। आजम खां चुनाव जीत गए थे। चुनाव प्रचार के दौरान उनके खिलाफ आचार संहिता उल्लंघन के कई मामले विभिन्न थानों में दर्ज हुए थे। इसमें एक मामला मिलक कोतवाली में हुआ था।
इसमें उन पर आरोप है कि उन्होंने संवैधानिक पदों पर बैठे लोगों और तत्कालीन जिलाधिकारी के लिए अपशब्द कहे। धमकी दी और दंगा भड़काने का प्रयास किया। उनके द्वारा वर्ग विशेष से धर्म के नाम पर वोट की अपील की गई। इन आरोपों के साथ वीडियो अवलोकन टीम के प्रभारी अनिल कुमार चौहान की ओर से आजम खां के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी।
जनप्रतिनिधि को सजा पर प्रावधान
दरअसल जनप्रतिनिधियों के लिए बने कानून के मुताबिक यदि किसी विधायक को दो साल से ज्यादा की सजा सुनाई जाती है तो फिर उसकी सदस्यता चली जाती है। आजम खां के लिए यही बहुत बड़ा संकट है। इससे पहले अयोध्या की गोसाईगंज विधानसभा से भाजपा के विधायक खब्बू तिवारी को अपनी विधायकी गवानी पड़ी थी। उन्हें कोर्ट ने दो साल से ज्यादा की सजा सुनाई थी। साल 2019 के चुनाव में आजम खां रामपुर से सांसद चुने गये थे। रामपुर से ही इसी साल विधायक बनने पर सांसदी से इस्तीफा दे दिया था।
जनप्रतिनिधियों के लिए नजीर बनेगी सजा
भाजपा नेता आकाश सक्सेना ने कहा कि आजम खान को सजा से देश में एक नजीर बनेगी। अब चुनाव के दौरान जनप्रतिनिधि भड़काऊ भाषण देने से बचेंगे और चुनावी राजनीति में ये एक बड़ा सुधार होगा। आजम खान के खिलाफ हेट स्पीच की शिकायत चुनाव आयोग से आकाश सक्सेना ने ही की थी। आकाश सक्सेना इसी साल हुए विधानसभा चुनाव में रामपुर से आजम खान के खिलाफ भाजपा के टिकट पर लड़े थे।