चुनाव के ठीक पहले अनारक्षित वर्ग की पार्टी सपाक्स एट्रोसिटी एक्ट में संशोधन के मुद्दे को व्यापक रूप से उठाने की तैयारी कर चुकी है। पार्टी 24 अक्टूबर से प्रदेशव्यापी महाभियान शुरू कर रही है। हफ्तेभर चलने वाले इस अभियान के दौरान पार्टी जिला, तहसील और विकासखंड मुख्यालयों पर रैली निकालेगी। परिसंवाद होंगे और नुक्कड़ नाटक खेले जाएंगे। इन सब के माध्यम से पार्टी जनता को बताएगी कि कानून में संशोधन कर किस तरह से अनारक्षित वर्ग को कानूनी रूप से कमजोर किया जा रहा है।
सपाक्स पार्टी के अध्यक्ष डॉ. हीरालाल त्रिवेदी ने पार्टी और उससे जुड़े संगठनों (सामाजिक और कर्मचारी) के कार्यकर्ताओं को चुनाव पूर्व महाभियान में पूरी निष्ठा से उतरने की अपील की है। उन्होंने बताया कि 24 अक्टूबर को प्रदेशभर में रैलियां निकाली जाएंगी। कलेक्टर, ब्लॉक और विधानसभा क्षेत्र में एसडीएम-तहसीलदार को ज्ञापन सौंपे जाएंगे।
डॉ. त्रिवेदी ने बताया कि प्रदेश में चुनाव आचार संहिता प्रभावी है। उसका पूरा सम्मान किया जाएगा। सभी से कहा गया है कि वे कोई भी आयोजन करने से पहले उसकी विधिवत स्वीकृति लें। एट्रोसिटी एक्ट के तहत दर्ज प्रकरणों को आमसभा के दौरान जनता के सामने रखने के भी निर्देश दिए हैं। इन मामलों में फंसे लोगों की कहानी भी सुनाई जाएगी।
सांसद-विधायकों से सवाल पूछें और पेम्फ्लेट छापकर जनता में बांटें
कब क्या करेंगे
– जनता को संदेश देने 26 अक्टूबर को जिला मुख्यालय के प्रमुख स्थल एवं सभी विधानसभा मुख्यालयों पर परिसंवाद कार्यक्रम एवं नुक्कड़ नाटक किए जाएंगे।
– एट्रोसिटी एक्ट में संशोधन के खिलाफ 27 अक्टूबर को उपवास रखा जाएगा। पार्टी कार्यालय के बाहर, जिला मुख्यालय और विधानसभा क्षेत्र में भूख हड़ताल पर बैठेंगे।
– 28 अक्टूबर को जिला मुख्यालय एवं विधानसभा क्षेत्रों में प्रमुख स्थानों पर रैली निकाली जाएंगी। आमसभा भी होगी। जिसमें जनता को एट्रोसिटी एक्ट के दुष्परिणामों की जानकारी दी जाएगी।
– 29 अक्टूबर को एट्रोसिटी संशोधन एक्ट 2016 एवं 2018 का सभी जिला मुख्यालय एवं विधानसभा क्षेत्र में पुतला जलाया जाएगा।
– 30 अक्टूबर को एट्रोसिटी एक्ट में संशोधन से आए दोषों के पेम्फ्लेट पूरे प्रदेश में बाजार और घर-घर जाकर बांटे जाएंगे।
राजनीतिक दलों की नींद उड़ी
एट्रोसिटी एक्ट को लेकर लगातार विरोध के बाद जैसे-तैसे हालात सुधर रहे थे, ऐसे में सपाक्स पार्टी के इस कदम ने राजनीतिक दलों की नींद उड़ा दी है। काफी विरोध का सामना कर चुके नेताओं को यह मामला शांत होता नजर आ रहा था, जिसे अचानक फिर हवा दी जा रही है।