एजेंसी/ नई दिल्ली : माइक्रोसॉफ्ट कंपनी के सीईओ सत्या नडेला ने इस बात को पूरी तरह से झूठला दिया है कि किसी शीर्ष कंपनी के शीर्ष पद पर बैठे लोग शायरना मिजाज के नहीं हो सकते है। नडेला बीते सात माह में तीसरी बार भारत आए है। सोमवार को उन्होने टेलीकॉम मिनिस्टर रविशंकर प्रसाद से मुालकात की।
यहां से वो माइक्रोसॉफ्ट के इवेंट को संबोधित करने पहुंचे, तो शुरुआत गालिब के शेरो-शायरी से की। सत्या ने गालिब का जिक्र करते हुए कहा कि दिल्ली के एक शायर ने क्या गजब की बात कही है। “हजारों ख्वाहिशें ऐसी कि हर ख्वाहिश पर दम निकले, बहुत निकले मेरे अरमां मगर, फिर भी कम निकले।”
उनके इस अंदाज पर काफी देर तक हाल तालियों से गूंजता रहा। आगे उन्होने कहा कि ऐप्स मानव क्षमता को मजबूत बना रहे है। माइक्रोसॉफ्ट के प्रोग्राम टेक फॉर गुड, आइडियाज फॉर इंडिया में नडेला ने कहा कि अब वक्त होलालैंस का है। इसके जरिए नासा के वैज्ञानिक क कमरे में बैठकर मंगल ग्रह की रियल टाइम स्टडी कर सकते है।
उन्होंने मोबाइल फर्स्ट, क्लाउड फर्स्ट इकोनॉमी के बारे में भी बताया। उन्होंने कहा कि हम ऐसी दुनिया में हैं जिसमें लोग डिजिटली कहीं से भी किसी भी वक्त किसी भी जगह पर कनेक्ट हो सकते हैं। नडेला ने कहा- हम फ्यूचर के लिए जो एप्स बनाने जा रहे हैं वो गेम चेंजर साबित होंगे।
कहा जा रहा है कि आगे नडेला इंडियन कॉरपोरेट कंपनी के करीब 150 एग्जीक्यूटिव्स से मुालाकात करेंगे। कहा तो यह भी जा रहा है कि नडेला औऱ पीएम नरेंद्र मोदी के बीच बी मुलाकात हो सकती है। नजरिया बदलने की बात करते हुए नडेला ने कहा कि मैं चाहता हूं कि भारत को एक ऐसा प्लवेटफॉर्म दिया जाए, जो भारत के आइडियाज का इस्तेमाल उनकी प्रोग्रेस के लिए करें। ये हमारी तकनीक का उत्सव मनाने का समय नहीं है बल्कि उस तकनीक का जश्न मनाने का समय है, जो भारत ने दिया है।