मुंबई-हावड़ा रूट पर सतना मानिकपुर रेलखंड के टिकरिया और मारकुंडी रेलवे स्टेशन के बीच इटवां के पास ट्रेन की चपेट आकर तेंदुआ की मौत हो गई। बुधवार सुबह रेल कर्मियों की सूचना पर वन विभाग के अफसर सक्रिय हुए और पड़ताल की। इससे पहले भी तेंदुआ और जंगली बिल्ली की मौत होने से वन्य जीवों की सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े हो गए हैं।
मारकुंडी रेंज कार्यालय में लाया गया मृत तेंदुआ
बुधवार की सुबह करीब साढ़े पांच बजे ट्रैक किनारे मृत तेंदुआ पड़ा देख पेट्रोलिंग कर रह रेलकर्मियों ने मानिकपुर जंक्शन के पीडब्ल्यूआइ आशीष कुमार को जानकारी दी। वन विभाग के रेंजर त्रिवेणी प्रसाद टीम के साथ पहुंचे तो जांच में ट्रेन की चपेट में आने से उसकी मौत होने की बात सामने आई। वन कर्मी मृत तेंदुआ मारकुंडी रेंज कार्यालय में ले गए। रानीपुर वन्य जीव विहार के प्रतिपालक जीडी मिश्रा ने बताया कि मंगलवार देर रात की घटना है, ट्रेन की चपेट में आकर सिर में चोट लगने से तेंदुआ की मौत होने की आशंका है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट से स्थिति स्पष्ट होगी।
तेंदुआ व जंगली बिल्ली की हो चुकी मौत
मुंबई हावड़ा रेलमार्ग पर लगातार हादसों में वन्य जीवों की सुरक्षा को लेकर विभाग कठघरे में आ गया है। पांच जनवरी 2020 को भी एक तेंदुआ की ट्रेन से कटकर मौत हो गई थी। इसके कुछ दिन बाद जंगली बिल्ली की भी ट्रेन की चपेट में आकर मर गई थी। वन्य जीवों की सुरक्षा को लेकर वन और रेलवे महकमा कोई इंतजाम नहीं कर पा रहा है।
सुरक्षा इंतजाम पर सवाल, वन्य जीव बेहाल
यूपी एमपी के पाठा क्षेत्र में स्थित मानिकपुर के रानीपुर वन्य जीव विहार और मध्यप्रदेश के पन्ना टाइगर रिजर्व से वन्य जीव अक्सर मुंबई हावड़ा रेल ट्रैक पर पहुंच जाते हैं। इससे कई मौतें हो चुकी हैं। करीब 50 किलोमीटर के दायरे में जंगलों पहाड़ों के बीच मझगवां, चितहरा, मारकुंडी, टिकरिया रेलवे स्टेशनों के आसपास हादसे होते हैं। इस क्षेत्र में घने जंगल, पानी की उपलब्धता व मुफीद वातावरण की वजह से वन्य जीव ठिकाना बना रहे हैं लेकिन सुरक्षा इंतजाम नहीं होने से रेलवे ट्रैक उनके जीवन पर भारी पड़ रहा है। रेल मंत्रालय में सुरक्षा को लेकर ट्रैक किनारे दीवार बनाने की फाइल धूल फांक रही है।