सच्चा धर्म राजनीति नहीं सिखाता सच्चा धर्म सेवा और प्रेम का भाव जगाता है : प्रियंका गांधी

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी संत शिरोमणि श्री गुरु रविदास महाराज की 644 वीं जयंती समारोह के दिन आशीर्वाद लेने सीरगोवर्धन पहुंच गईं। यहां उन्होंने संत रविदास के दर पर मत्था टेका। इसके बाद संत निरंजन दास का आशीर्वाद लिया। साथ ही उनका हालचाल जाना। प्रियंका गांधी पिछले साल भी यहां आई थीं। मंदिर में दर्शन पूजन के बाद प्रियंका गांधी संत्सग स्थल पर पहुंचीं। यहां उन्होंने कहा कि सच्चा धर्म राजनीति नहीं सिखाता। सच्चा धर्म बैर नहीं सिखाता, तोड़ता नहीं, भेदभाव नहीं करता। सच्चा धर्म सेवा और प्रेम का भाव जगाता है। आप सभी धन्यवाद के पात्र हैं जिन्होंने संत रविदास के सच्चे धर्म को जगाए रखा है।

प्रियंका गांधी शनिवार को इंडिगो के विमान 6ई 2136 से 10:30 बजे वाराणसी एयरपोर्ट पहुंची। एयरपोर्ट पर कांग्रेस के यूपी प्रदेश अध्यक्ष अजय सिंह लल्लू, पूर्व सांसद राजेश मिश्रा, पिंडरा के पूर्व विधायक अजय राय ने प्रियंका गांधी का स्वागत किया। हजारों की संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता और समर्थक भी मौजूद रहे। इस दौरान प्रियंका गांधी ने अपनी कार के दरवाजे पर खड़े होकर समर्थकों का अभिनंदन किया।

संत रविदास की जयंती पर समारोह में प्रियंका गांधी के संत रविदास के दर पर मत्था टेकने से पहले प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष समेत कई वरिष्ठ कांग्रेसी नेताओं तैयारियों का जायजा लिया। देर रात तक कांग्रेसी नेता तैयारियों में जुटे रहे और बैठकों का दौर चलता रहा।

संत शिरोमणि श्री गुरु रविदास महाराज की 644 वीं जयंती समारोह के दिन संत रविदास के सपनों का गांव बेगमपुरा सजाधजा हुआ है। शनिवार की सुबह संत निरंजन दास ने नगवां स्थित रविदास पार्क में संत रविदास की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। इसके बाद मंदिर परिसर में बने रविदासिया धर्म के ध्वजारोहण किया। इस दौरान मंदिर और आसपास की छतों पर चढ़कर श्रद्धालुओं ने संत निरंजन दास के ऊपर पुष्पवर्षा कर अभिनंदन किया। संत निरंजन दास जब अपने अनुयायियों का हाल-चाल लेने मेला क्षेत्र में निकले तो पूरा क्षेत्र रविदास शक्ति अमर रहे, जो बोले सो निर्भय और सदगुरु महाराज की जय के जयकारों से गूंज उठा। रैदासियों का यहां रेला उमड़ पड़ा है।

भक्तों के निवास कैंप के बाहर भजन कीर्तन भी चल रहा है। कहीं कीर्तन तो कहीं पंडवानी तो कहीं लोकगीतों के जरिए गुरु के गुणों का बखान करते हुए श्रद्धालु नाच गा रहे हैं। हर साल के मुकाबले दुकानों की संख्या कम होने के बाद भी मेले में शायद ही कोई ऐसी दुकान हो जहां रखरीदारों की भीड़ न हो। शुक्रवार को जूतियों, कपड़ों, साडिय़ों, सलवार सूट, शृंगार के साजोसामान से लेकर खिलौनों और चाट पकौड़े की दुकानों पर जमकर खरीदारी हो रही थी।

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