संसद के मानसून सत्र की आज 7वां दिन है। कृषि से जुड़े तीन विधेयकों पर आज संसद की अंतिम मुहर लग गई है। विपक्ष के भारी हंगामे के बीच राज्यसभा में कृषि बिल ध्वनि मत से पास हो गया है।
लोकसभा से ये बिल पहले ही पास हो चुके हैं। बिल के खिलाफ विपक्ष के सांसदों ने वेल में उतरकर जोरदार हंगामा किया। टीएमसी सांसद डेरेक ओ’ ब्रायन ने राज्यसभा के उप सभापति हरिवंश से सामने रूल बुक को भी फाड़ दिया। राज्यसभा काी कार्यवाही को कल तक के लिए स्थग्त कर दिया गया है।
केंद्रीय कृषि मंत्री ने कहा कि राज्यसभा में चर्चा ठीक हो रही थी, बिल बहुमत से पास होने वाले थे। जब कांग्रेस को लगा कि वो बहुमत में नहीं है तो वो गुंडागर्दी पर उतर आए। आज कांग्रेस ने आपातकाल के बाद फिर एक बार ये सिद्ध कर दिया कि इस कांग्रेस का लोकतंत्र और प्रजातंत्र पर भरोसा नहीं है।
राज्यसभा की कार्यवाही फिर शुरू हो गई है। कृषि बिल को लेकर विपक्षी सांसद सदन के वेल में नारे लगा रहे हैं। राज्यसभा के उप सभापति हरिवंश ने उन्हें अपनी सीटों पर लौटने के लिए कहा। टीएमसी सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने कहा कि सरकार ने संसद का हर नियम को तोड़ दिया है।
राज्यसभा में कृषि बिल पर कांग्रेस के सांसद अहमद पटेल ने कहा कि भाजपा के अध्यक्ष ने हमारे घोषणापत्र का अध्ययन किया और अपने बिल की तुलना करने के लिए इसमें से कुछ बिंदुओं को सामने लाएं। हमारा घोषणा पत्र एक घोड़ा है और उन्होंने इसकी तुलना गधे से करने की कोशिश की है।
बिल पर चर्चा के दौरान शिवसेना सांसद संजय राउत राज्यसभा में कहा कि क्या सरकार देश को आश्वस्त कर सकती है कि कृषि सुधार विधेयकों के पारित होने के बाद, किसानों की आय दोगुनी हो जाएगी और कोई भी किसान आत्महत्या नहीं करेगा?…. इन विधेयकों पर चर्चा करने के लिए एक विशेष सत्र बुलाया जाना चाहिए।