एक संसदीय समिति ने शुक्रवार को सुझाव दिया कि नौकरशाहों की तैनाती (पोस्टिंग) मनमाने तरीके से नहीं होनी चाहिए बल्कि यह संबंधित अधिकारी के रुझान और कौशल के आधार पर होनी चाहिए। साथ ही समिति ने बिना किसी पूर्वाग्रह और पक्षपात के नियमित आधार पर सरकारी अधिकारियों के प्रदर्शन की समीक्षा करने और अच्छा प्रदर्शन नहीं करने वाले अधिकारियों को हटाने की सिफारिश भी की है।
संसद के पटल पर रखी अपनी रिपोर्ट में कार्मिक, जन शिकायत, कानून एवं न्याय विभाग से जुड़ी संसदीय स्थायी समिति ने कहा है, ‘इससे अच्छा प्रदर्शन करने वाले अधिकारियों की हौसला अफजाई होगी।’ समिति ने भारतीय प्रशासनिक सेवा (आइएएस) में रिक्त पदों की उल्लेखनीय संख्या पर चिंता भी व्यक्त की और इन पदों को भरने की सिफारिश की। कुल स्वीकृत 6,699 पदों में से 1,494 पद रिक्त हैं।
संयुक्त सचिव के 10 पदों पर हालिया सीधी भर्ती का जिक्र करते हुए समिति ने कहा इन अधिकारियों के प्रदर्शन की नियमित अंतराल पर समीक्षा की जानी चाहिए और अच्छा प्रदर्शन करने वाले अधिकारियों को बरकरार रखते हुए अगले स्तर पर प्रोन्नत किया जाना चाहिए। मालूम हो कि सीधी भर्ती के जरिये निजी क्षेत्र के 10 अभ्यर्थियों में से आठ को केंद्र सरकार के अलग-अलग विभागों नियुक्त किया गया है।