संशोधन को मंजूरी मोटर वाहन विधेयक में, 10 गुना तक जुर्माना जेल के साथ देना होगा…

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने सोमवार को मोटर वाहन (संशोधन) विधेयक के मसौदे को मंजूरी दे दी है। इसके तहत यातायात नियमों के उल्लंघन पर भारी जुर्माने का प्रावधान किया गया है। संशोधित विधेयक में 10 गुना तक जुर्माने और जेल तक की सजा का प्रावधान किया गया है। साथ ही ये भी सुनिश्चित किया जाएगा कि यातायात नियमों का उल्लंघन कर बच निकलने वालों पर नकेल कसी जा सके। संशोधित विधेयक में आपातकालीन वाहनों को रास्ता नहीं देने पर 10 हजार रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान है। यह विधेयक इससे पहले राज्यसभा में लंबित था और 16वीं लोकसभा का कार्यकाल समाप्त होने के बाद यह निरस्त हो गया था। विधेयक में किए गए प्रावधान 18 राज्यों के परिवहन मंत्रियों की सिफारिशों पर आधारित हैं। इन सिफारिशों की संसद की स्थायी समिति ने भी जांच परख की है। विधेयक में सड़क सुरक्षा के क्षेत्र में काफी सख्त प्रावधान रखे गए हैं। ओला, उबर जैसे समूहों द्वारा ड्राइविंग लाइसेंस नियमों का उल्लंघन करने पर एक लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। विधेयक के मसौदे में तेज गाड़ी चलाने पर 1,000 से 2,000 रुपये तक का जुर्माना लगाने का प्रावधान किया गया है।

सीट बेल्ट नहीं लगाने पर होगा 1000 रुपये का जुर्माना-   बिना बीमा पॉलिसी वाहन चलाने पर 2,000 रुपये तक का जुर्माना रखा गया है। बिना सीट बेल्ट लगाए या बिना हेलमेट पहने वाहन चलाने पर 1,000 रुपये का जुर्माना और तीन माह के लिए लाइसेंस निलंबित किया जाना शामिल है। किशोर द्वारा गाड़ी चलाते हुए सड़क पर कोई अपराध होने की स्थिति में गाड़ी के मालिक अथवा अभिभावक को दोषी माना जाएगा और तीन साल की सजा के साथ 25 हजार रुपये तक का जुर्माना किया जाएगा। साथ ही वाहन का पंजीकरण भी निरस्त कर दिया जाएगा। संशोधन विधेयक के मसौदे के अनुसार, यातायात नियमों का उल्लंघन होने पर न्यूनतम 100 रुपये के स्थान पर 500 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा।

सरकारी अधिकारियों पर और ज्यादा होगा जुर्माना-   अधिकारियों के आदेश का पालन नहीं करने पर 500 रुपये के स्थान पर अब 2,000 रुपये का जुर्माना देना होगा। वाहन का अनधिकृत इस्तेमाल करने पर 5,000 रुपये के जुर्माने का प्रावधान किया गया है। बिना लाइसेंस वाहन चलाने पर भी इतना ही जुर्माना देना होगा। खतरनाक तरीके से वाहन चलाने पर 1,000 के बजाय 5,000 रुपये और शराब पीकर वाहन चलाने पर 10,000 हजार रुपये जुर्माने का प्रावधान किया गया है।

बिल में क्या है खास-  ‘हिट एंड रन’ मामले में पीड़ित परिवार को 25,000 रुपये की जगह 2 लाख रुपये मुआवजा देने का प्रावधान। नाबालिग द्वारा यातायात नियम तोड़ने पर संबंधित वाहन मालिक के खिलाफ क्रिमिनल केस व नाबालिग के खिलाफ ज्युवेनाइल जस्टिस एक्ट के तहत कार्रवाई होगी। साथ ही संबंधित वाहन का रजिस्ट्रेशन रद हो सकता है। शराब पीकर गाड़ी चलाने पर 10 हजार रुपये का जुर्माना व जेल भी हो सकती है। खतरनाक तरीके से वाहन चलाने पर 5000 रुपये के जुर्माने का प्रावधान। बिना लाइसेंस के वाहन चलाने पर 5000 रुपये का जुर्माना प्रस्तावित। स्पीड लिमिट का उल्लंघन करने पर भी 2000 रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान। बिना सीट बेल्ट लगाए वाहन चलाने पर 1000 रुपये का जुर्माना। चालक लाइसेंस और वाहन रजिस्ट्रेशन में आधार नंबर अनिवार्य किया जाएगा। सुरक्षा मानक पूरा न करने वाली वाहन निर्माता कंपनी से 500 करोड़ रुपये तक का जुर्माना वसूलने का प्रावधान।

लोकसभा से मिल चुकी है मंजूरी-   Motor Vehicles Act, 1988 में संशोधन बिल पहले ही लोकसभा में पास हो चुका है। हालांकि, इसे राज्यसभा में पास कराने को लेकर सरकार के सामने कई चुनौतियां हैं, जिनमें सबसे बड़ी चुनौती बिल को बहुमत से पास कराने की है। लोकसभा में पास हुआ बिल ही राज्यसभा में लाया जाएगा, जहां चालक लाइसेंस और वाहन रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट के लिए आधार (Aadhaar) को अनिवार्य किया जाएगा। संशोधित विधेयक में पर्यावरण के साथ यातायात वाहनों की ऑटोमेटेड फिटनेस टेस्टिंग को लेकर भी बदलाव देखने को मिल सकते हैं। संशोधित विधेयक में जुर्माने की अधिकतम राशि एक लाख रुपये तक करने का प्रस्ताव है। इसे भी राज्य सरकारों की तरफ से 10 गुना तक बढ़ाया जा सकता है।

नए बिल के प्रावधान-   ट्रैफिक नियमों को तोड़ने पर ज्यादा फाइन देना होगा।  नाबालिग द्वारा वाहन चलाने पर वाहन स्वामी के खिलाफ कार्रवाई होगी। उस पर क्रिमिनल केस तक का प्रावधान।  कार के खराब पार्ट को ठीक करने के लिए कंपनियों को कार अनिवार्य रूप से वापस लेना होगा।  वाहन की खराब गुणवत्ता के लिए निर्माता कंपनियां जिम्मेदार होंगी।

 

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