राज्य निर्वाचन आयोग ने देहरादून समेत तीन जिलों से संवेदनशील और अति संवेदनशील मतदान केंद्रों की रिपोर्ट तलब की है। इस पर एक सप्ताह के भीतर रिपोर्ट देने के साथ ही संबंधित मतदान केंद्रों का निरीक्षण करने और सुरक्षा-व्यवस्था पुख्ता करने के भी निर्देश दिए हैं।
निकाय चुनाव में अधूरी तैयारियां अब भारी पड़ने लगी हैं। नामांकन पत्रों की बिक्री शुरू होने के साथ ही शनिवार से नगर निगम, नगर पालिका और नगर पंचायतों के लिए नामांकन शुरू हो गए हैं। लेकिन, अभी तक देहरादून, हरिद्वार और उत्तरकाशी जनपद में संवेदनशील और अति संवेदनशील मतदान केंद्रों को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं हुई है। इस मामले में राज्य निर्वाचन आयोग ने देहरादून के दो नगर निगम और चार नगर पालिकाओं समेत अन्य जनपदों से भी अति संवेदनशील और संवेदनशील मतदान केंद्रों की सूची मांगी है।
इधर, नगर निगम देहरादून, ऋषिकेश के साथ ही नगर पालिका डोईवाला, विकासनगर, हरबर्टपुर और मसूरी निकाय चुनाव के लिहाज बेहद संवेदनशील हैं। यहां पहले भी चुनाव में विवाद की स्थिति रही है। राज्य निर्वाचन आयोग ने अब जिला निर्वाचन अधिकारी और पंचस्थानी चुनाव कार्यालय को पत्र भेजते हुए अति संवेदनशील और संवेदनशील बूथों पर रिपोर्ट मांगी है।
दून के 40 मतदान केंद्रों को लेकर आयोग सख्त
नगर निगम देहरादून के 40 मतदान केंद्र ऐसे हैं, जहां 18 नवंबर को चुनाव और सीडीएस की परीक्षा एक साथ होनी है। लेकिन, अभी तक इन मतदान केंद्रों पर भी स्थिति स्पष्ट नहीं है। इसके लिए आयोग को भी पत्र लिखा गया है। सूत्रों की माने तो इसे लेकर राज्य चुनाव आयोग भी सख्त नजर आ रहा है। इसे लेकर आयोग ने जिला प्रशासन से लेकर पंचस्थानी कार्यालय से 40 मतदान केंद्रों पर स्थिति साफ करने के निर्देश दिए हैं।
चुनाव लड़ने का ख्वाब रहेगा अधूरा
जिले के छह निकायों समेत नगर निगम देहरादून में नए शामिल हुए पूर्व ग्राम पंचायतों के 250 से ज्यादा दावेदारों के चुनाव लड़ने का ख्वाब पूरा नहीं हो पाएगा। पंचस्थानी कार्यालय ने पूर्व चुनावों के दौरान आय-व्यय का हिसाब न देने पर इन दावेदारों को प्रतिबंधित कर दिया है। अकेले छह निकायों में पार्षद और महापौर का चुनाव लड़ चुके 120 लोगों को पंचस्थानी कार्यालय ने नोटिस जारी किया है।
सहायक निर्वाचन अधिकारी वीएस चौहान ने बताया कि इस मामले में सभी एसडीएम को पत्र भेजे गए हैं। तहसीलों से ही अति संवेदनशील और संवेदनशील मतदान केंद्रों पर अंतिम रिपोर्ट मिलनी है। रिपोर्ट मिलने के बाद आयोग को भेजी जाएगी। यह देरी तहसील स्तर से हुई है।
मतगणना केंद्र और स्ट्रांग रूम पर असमंजस
निकाय चुनाव को लेकर अधिकारी गफलत में दिख रहे हैं। खासकर आचार संहिता लागू होने के बावजूद अभी तक मतगणना केंद्र, स्ट्रांग रूम और प्रशिक्षण को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं हो पाई है। कुछ ऐसा ही निर्वाचन प्रक्रिया में लगने वाले वाहनों की संख्या और रूट चार्ट को लेकर भी है, जो अभी तक तय नहीं हो पाए हैं।
निकाय चुनाव की तैयारी को लेकर प्रशासन के पास सिर्फ एक माह का वक्त है। इस दौरान नामांकन पत्रों बिक्री, नामांकन पत्र दाखिला, जांच, नाम वापसी, अंतिम सूची जारी करने, बैलेट पेपर छापने जैसे महत्वपूर्ण कार्य किए जाने हैं पर लेकिन निर्वाचन से जुड़े कई ऐसे महत्वपूर्ण कार्य अभी फाइलों तक भी नहीं पहुंचे हैं। शुक्रवार तक इस दिशा में कोई कार्रवाई आगे नहीं बढ़ पाई है।
अभी तक सिर्फ चर्चा है कि मतगणना केंद्र से लेकर स्ट्रांग रूम बन्नू स्कूल रेसकोर्स, निरंजनपुर मंडी, ओएनजीसी या फिर रायपुर स्थित स्पोर्ट्स कॉलेज परिसर को बनाया जाना है। इसी तरह निर्वाचन में कितने वाहन लगेंगे, वाहनों का रूट क्या रहेगा, इस पर भी स्थिति साफ नहीं है। शुक्रवार को चुनाव दफ्तर में अफसर वाहन रूट चार्ट और वाहनों की संख्या पर चर्चा करते दिखे। इसके अलावा निर्वाचन कार्य संपन्न कराने के लिए निविदा और अन्य औपचारिकताएं पूरी करने को लेकर भी कोई प्लानिंग नहीं दिख रही है।
एआरटीओ अरविंद कुमार पांडेय ने बताया कि वाहनों का रूट चार्ट अभी तैयार नहीं हुआ है। कितने वाहन लगाए जाने हैं, इस पर स्थिति स्पष्ट नहीं है। मांग पत्र आने के बाद ही निर्वाचन ड्यूटी के लिए वाहनों को आरक्षित किया जाएगा।
एसडीएम वित्त एवं राजस्व बीर सिंह बुदियाल ने बताया कि मतगणना, प्रशिक्षण और स्ट्रांग रूम को लेकर अभी निर्णय लेना बाकी है।