पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा है कि यह दुखद विडंबना है कि संविधान दिवस पर किसानों के संवैधानिक अधिकारों को बलपूर्वक कुचला जा रहा है। तीन कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली जा रहे किसानों को हरियाणा में राजमार्ग पर बेरिकेट्स लगाकर रोकने और उन पर वाटर कैनन के इस्तेमाल पर गहरा रोष व्यक्त करते हुए कैप्टन ने हरियाणा की भाजपा सरकार को चेतावनी दी कि शांतिपूर्ण किसानों को न उकसाएं।

गुरुवार सुबह अपने अलग-अलग ट्वीट में कैप्टन ने हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल से सवाल किया कि किसानों को दिल्ली जाने से क्यों रोका जा रहा है। कैप्टन ने कहा कि शांतिपूर्ण तरीके से दिल्ली जा रहे किसानों पर क्रूरता से बल प्रयोग करना पूरी तरह अलोकतांत्रिक और असंवैधानिक है।
उन्होंने ट्वीट किया कि यह दुखद है कि संविधान दिवस के मौके पर किसानों के संवैधानिक अधिकार को इस तरह से प्रताड़ित किया जा रहा है। कैप्टन ने हरियाणा के मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि वे किसानों को अपने राज्य से गुजरने दें और किसानों का गुस्सा न भड़काएं। कैप्टन ने लिखा कि किसानों को उनकी आवाज शांति से दिल्ली ले जाने दें।
कैप्टन ने आगे लिखा- करीब दो महीने से किसान बिना किसी समस्या के पंजाब में शांतिपूर्ण तरीके से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। हरियाणा सरकार ताकत का सहारा लेकर किसानों को क्यों उकसा रही है। कैप्टन ने सवाल किया कि क्या किसानों को सार्वजनिक राजमार्गों से शांति से गुजरने का अधिकार नहीं है। कैप्टन ने भारतीय जनता पार्टी से अपील की है कि वे अपने राज्य सरकारों को निर्देशित करें कि किसानों के खिलाफ इस तरह के हथकंडे न अपनाएं।
राष्ट्र को खिलाने वाले हाथों को सहारा दिया जाए। उनके साथ धुक्कामुक्की न की जाए। उल्लेखनीय है कि हरियाणा सरकार ने पंजाब के साथ अपनी सीमाओं को पूरी तरह से सील कर दिया है, ताकि पंजाब के किसानों को दिल्ली जाने से रोका जा सके।
कैप्टन ने एक अन्य ट्वीट में लिखा कि संविधान एक वसीयतनामा है, जो भारत के प्रति हमारे विचार को मूर्तरूप देता है। आज राष्ट्रीय विधि दिवस और संविधान दिवस पर यह वसीयतनामा इसके सिद्धांतों को बनाए रखने की शपथ दिलाता है और हमारे नागरिकों को अधिकार व स्वतंत्रता की गारंटी देता है।
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