संविधान दिवस को मनाना संविधान शिल्पि के प्रति श्रद्धांजलि राष्ट्रपति कोविंद

संविधान दिवस के मौके पर मंगलवार को संसद का संयुक्त सत्र आयोजित किया गया, जिसमें राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू शामिल हुए। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने सत्र को संबोधित करते हुए देश और विदेश में रहने वाले भारत के सभी लोगों को, भारत के संविधान की 70वीं वर्षगांठ की हार्दिक बधाई दी।

राष्ट्रपति कोविंद ने कहा कि 70 साल पहले इसी दिन भारत ने संविधान को अंगीकृत किया। संविधान दिवस को मनाना संविधान शिल्पि के प्रति श्रद्धांजलि है। सन 2015 में, बाबासाहब डॉ भीमराव आंबेडकर के 125वें जयंती वर्ष के दौरान, भारत सरकार ने 26 नवंबर के दिन को, प्रति वर्ष, ‘संविधान दिवस’ के रूप में मनाने का निर्णय लिया।

उन्होंने कहा कि भारत का संविधान विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र का आधार-ग्रंथ है। यह हमारे देश की लोकतांत्रिक संरचना का सर्वोच्च कानून है जो निरंतर हम सबका मार्गदर्शन करता है। यह संविधान हमारी लोकतांत्रिक व्यवस्था का उद्गम भी है और आदर्श भी।

राष्ट्रपित ने कहा कि हमारे संविधान निर्माताओं ने दूरदर्शी और परिश्रम के द्वारा कालजयी प्रति का निर्माण किया, जिसमें हम सभी नागरिक सुरक्षित हैं। यह हमारा मार्गदर्शन करता है। हमने विश्व के कई संविधानों के उत्तम व्यवस्था को निभाया है।

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