मध्यप्रदेश में भारतीय जनता पार्टी के नेताओं द्वारा कुछ स्थानों के नाम बदलने की मांग जोर-शोर से उठाई जा रही है। इसी क्रारम में ज्य की संस्कृति मंत्री उषा ठाकुर ने सोमवार को कहा कि समाधानकारक तथ्यों और प्रमाणों के आधार पर जगहों के नाम परिवर्तित किए जाने में किसी भी व्यक्ति को कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए।

ठाकुर ने यहां संवाददाताओं से कहा कि यह पुनर्जागरण का दौर है। अगर समाधानकारक तथ्यों एवं प्रमाणों और संविधान के आधार पर राज्य के कुछ स्थानों के नाम बदले जाते हैं, तो निश्चित रूप से ये परिवर्तन होने ही चाहिए। इसमें किसी को कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए। उन्होंने इस विषय पर जोर देकर कहा कि आजाद भारत की स्थिति आजाद भारत की तरह दिखाई देनी ही चाहिए। अब हमें मिलकर तय करना होगा कि देश के 1,400 साल के इतिहास पर भरोसा करें या 14,000 साल के इतिहास पर?
संस्कृति मंत्री ने कहा कि भोपाल और अन्य शहरों से स्थानों के नाम बदलने की मांग हो रही है, तो यह कोई मनगढ़ंत बात नहीं है। ये मांगें तथ्यों और प्रमाणों के आधार पर की गई हैं। गौरतलब है कि प्रदेश विधानसभा के अस्थायी अध्यक्ष और वरिष्ठ भाजपा नेता रामेश्वर शर्मा ने पिछले दिनों मांग की थी कि राजधानी भोपाल के ईदगाह हिल्स का नाम बदलकर “गुरु नानक टेकरी” किया जाना चाहिए।
इसके बाद इंदौर लोकसभा क्षेत्र के भाजपा सांसद शंकर लालवानी ने स्थानीय नागरिकों की मांग का हवाला देते हुए कहा था कि शहर के खजराना इलाके के प्रसिद्ध गणेश मंदिर से सटे इलाके का नाम बदलकर “गणेश नगर” या ‘गणेश धाम’ या ‘गणेश कॉलोनी’ किया जाना चाहिए।
राज्य में पर्यटन और आध्यात्म मंत्रालय भी संभाल रहीं ठाकुर ने कहा कि लोकतंत्र में आस्था रखने वाले लोग सरकार से कह रहे हैं कि तथ्य-प्रमाण जुटाइए और यदि हमारी मांग सही हो तो संबंधित स्थानों के नाम परिवर्तित कीजिए। पर एक वर्ग विशेष इस प्रकार की चिंता नहीं करता।
उन्होंने केंद्र सरकार के बनाए नये कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली में जारी किसान आंदोलन पर कहा, “मैं तो सोचती हूं कि जिन्हें नये कृषि कानून बनने से पहले अरबों-खरबों की आमदनी हो रही थी, वही साजिश के तहत किसान आंदोलन को दुष्प्रेरित करते हुए आगे बढ़ा रहे हैं। लेकिन झूठ के आधार पर बुनी गईं साजिशें ज्यादा दिनों तक नहीं चल सकतीं।”
Live Halchal Latest News, Updated News, Hindi News Portal