लखनऊ: उत्तर प्रदेश के कैराना कस्बे से हुए पलायन मामले की चैतरफा हो रही चर्चा ने समाजवादी पार्टी (सपा) की नींद उड़ा दी है, जहां एक तरफ भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) पलायन के लिए सीधे तौर पर अखिलेश सरकार को दोषी ठहरा रही है तो वहीं सत्ताधारी दल इससे साफ इनकार कर रही है।
पार्टी के प्रदेश प्रभारी एवं सरकार में कैबिनेट मंत्री शिवपाल यादव का कहना है कि उनके पास इंटेलीजेंस की भी रिपोर्ट है कि कैराना ही नहीं, कहीं भी कोई पलायन नहीं हो रहा है। बावजूद इसके बीजेपी यूपी में साम्प्रदायिक माहौल बिगाड़ना चाहती है।
शिवपाल का कहना है कि किसी भी कीमत पर यूपी का सद्भाव बिगड़ने नहीं दिया जाएगा। उन्होंने ने पश्चिमी यूपी के बीजेपी नेता संगीत सोम और हुकुम सिंह पर नकली नोटों का धंधा और जमीनों पर कब्जा करने समेत दो नंबर के कार्यों में लिप्त रहने का आरोप भी लगाया। उन्होंने कहा कि सरकार अब इसकी जांच करा रही है।
पार्टी के प्रदेश मुख्यालय पर शुक्रवार को आयोजित प्रेसवार्ता में शिवपाल ने कहा कि कैराना मामले की जांच के लिए उन्होंने संत विरादरी के स्वामी कल्याणदेव, आचार्य प्रमोद कृष्णम, नारायण गिरि, स्वामी चिन्मयानंद और हिंदू महासभा के अध्यक्ष चक्रपाणि से कैराना जाकर वहां की स्थिति का आकलन करने का निवेदन किया है।
उन्होंने कहा कि अभी तक राजनीतिक दल के लोग जांच के लिए जाते थे तो ऐसा कहा जा सकता है कि वह अपनी जांच रिपोर्ट में भी मनमानी कर सकते हैं, लेकिन संतों पर तो पूर्ण विश्वास है कि वह दूध का दूध और पानी का पानी निकालेंगे।
शिवपाल ने बीजेपी पर खुलकर आरोप लगाया है कि चुनाव की नजदीकी देख बीजेपी यूपी का सांप्रदायिक सद्भाव बिगाड़ना चाहती है। उन्होंने कहा, ‘गुजरात के दंगों के दौरान जो पलायन हुआ उसका मोदी साहब जवाब दें। मोदी साहब तो चीन का कब्जा हटा नहीं पाए, लेकिन हमने तो मथुरा में भूमि कब्जे को हटवा दिया।’ वहीं एक सवाल के जवाब में शिवपाल ने कहा, ‘गवर्नर साहब तो रोज हमारा हेलीकॉप्टर लेकर जाते हैं।’