स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) ने अपने ग्राहकों के लिए एक चेतावनी जारी की है। इस चेतावनी में बैंक ने अपने ग्राहकों को एक नए तरह के साइबर क्राइम को लेकर चेताया है। बैंक ने कहा है कि कुछ धोखाधड़ियों में ग्राहकों के पास उनकी लोन ईएमआई को टालने के लिए उनसे कॉल पर ओटीपी मांगा गया है। एसबीआई ने एक ट्वीट में कहा, ‘ईएमआई को टालने के लिए ओटीपी शेयर करने की जरूरत नहीं होती है। कृपया अपना ओटीपी शेयर ना करें।
देश के सबसे बड़े बैंक ने ग्राहको से अपना ओटीपी शेयर करने को लेकर चेताते हुए कहा कि ग्राहक द्वारा धोखाधड़ी करने वाले को ओटीपी शेयर करने पर धोखेबाज तुरंत ग्राहक का पैसा निकाल लेता है।
साइबर क्राइम करने वाले लोगों के साथ घोखाधड़ी करने के लिए नए-नए रास्ते निकालते रहते हैं। इन लोगों से निपटने का एकमात्र रास्ता हमेशा सजग और जागरूक रहना है। बैंक ने ट्वीट में कहा, ‘इस बात का ध्यान रखें कि ईएमआई टालने के लिए ओटीपी शेयर करने की जरूरत नहीं होती है। कृपया अपने ओटीपी को शेयर ना करें। ईएमआई टालने की योजना के बारे में अधिक जानकारी के लिए बैंक की वेबसाइट पर जाएं।’
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कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए देशभर में जारी लॉकडाउन के बीच देनदारों की आर्थिक स्थिति को स्थिर बनाए रखने के लिए भारतीय रिज़र्व बैंक ने इंडिविजुअल और बिजनेस देनदारों के लिए ईएमआई को टालने की पेशकश की थी। इस स्कीम में तीन महीने तक मासिक भुगतान को टालने की पेशकश ग्राहकों से की गई है।
एसबीआई ने ग्राहकों को सूचित किया था कि अगर वे ईएमआई टालना नहीं चाहते हैं तो उन्हें अपने स्तर पर कुछ भी करने की आवश्यकता नहीं है। वहीं, जो ग्राहक ईएमआई को टालना चाहते हैं, उन्हें बैंक को एक ई-मेल के माध्यम से एप्लिकेशन देनी होगी। यहां आपको बता दें कि जिस अवधि में ईएमआई टाली जाएगी, उस दौरान भी मूल रकम पर ब्याज लगना जारी रहेगा।