एजेंसी/ नई दिल्ली : आध्यात्मिक गुरू श्रीश्री रविशंकर की संस्था आर्ट ऑफ लिविंग द्वारा दिल्ली में यमुना नदी के किनारे अंतर्राष्ट्रीय सांस्कृतिक महोत्सव का आयोजन करने को लेकर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने आर्ट ऑफ लिविंग के कार्यक्रम को रद्द करने या फिर जुर्माना भरने के आदेश दिए थे। ऐसे में आर्ट ऑफ लिविंग ने जुर्माने की राशि 5 करोड़ रूपए में से 25 लाख रूपए जमा कर दिए। मगर अब एनजीटी अब जुर्मानी की बकाया राशि जमा देने के लिए कह रहा है।
ऐसे में एनजीटी ने आर्ट ऑफ लिविंग का 4.75 करोड़ रूपए की बैंक गारंटी का प्रस्ताव खारिज कर दिया है। इस दौरान संस्था पर करीब 5000 का जुर्माना आरोपित किया गया था। एनजीटी ने आदेश दिया है कि आर्ट ऑफ लिविंग को एक सप्ताह में ही रूपए जमा करने होंगे। इस मामले में मंगलवार को की गई सुनवाई के दौरान एनजीटी ने आर्ट ऑफ लिविंग की दलील को खारिज कर दिया।
उन्होंने कहा कि उन्हें कार्यक्रम की अनुमति इस शर्त पर दी गई कि वे समय पर रकम अदा करेंगे मगर रकम चुकाने के स्थान पर वे अपने वायदे से मुकर गए। एनजीटी ने कहा कि आर्ट ऑफ लिविंग प्रयास कर रहा है कि उसे इस तरह की राशि न चुकानी पड़े। उल्लेखनीय है कि आर्ट ऑफ लिविंग ने इस मामले में बैंक गारंटी देने की बात कही थी।
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