श्रीलंका में अलग अलग जगहों पर हुए धमाकों के पीछे कुल 9 हमलावर शामिल थे जिनमें एक महिला भी है. यह जानकारी श्रीलंका के उप रक्षा मंत्री ने बुधवार को दी. इस बीच प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने कहा है कि आतंकवादी और हमले कर सकते हैं और भारतीय दूतावास भी इसकी जद में हो सकता है. श्रीलंका में रविवार को ईस्टर के दिन कई जगहों पर एक साथ विस्फोट हुए थे जिसमें मरने वालों की संख्या बढ़कर 359 हो गई है. मृतकों में कई विदेशी नागरिक भी शामिल हैं. रक्षा मंत्री रुवान विजयवर्धने ने एक प्रेस ब्रीफिंग में बताया कि ‘अब तक 359 लोगों की मौत हुई है जिनमें 39 विदेशी नागरिक हैं. 17 विदेशी नागरिकों के शव बरामद उनके परिजनों को सौंप दिए गए हैं.

इससे पहले पुलिस प्रवक्ता रुवान गुनसेकरा ने कहा कि अब तक 58 संदिग्धों को देश के अलग अलग हिस्सों से गिरफ्तार किया गया है. आतंकवादी समूह इस्लामिक स्टेट (आईएस) ने मंगलवार को हमलों की जिम्मेदारी ली थी. समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने गुनसेकरा के हवाले से बताया कि बुधवार तड़के कम से कम 18 और संदिग्धों को हिरासत में ले लिया गया. उन्होंने कहा कि वारकापोला में एक घर से पुलिस ने चार वॉकी-टॉकी और एक मोटरसाइकिल बरामद की है. श्रीलंकाई मीडिया और वहां के कुछ मंत्रियों ने कहा है कि राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के आपसी झगड़े के चलते देश में इतनी बड़ी सुरक्षा चूक हुई और इंटेलीजेंस इनपुट के बावजूद उस पर गौर नहीं किया गया. इसका फायदा आतंकियों ने उठाया और एक साथ कई धमाके कर वे आसानी से चलते बने. श्रीलंकाई संसद के नेता (नेता पक्ष) लक्ष्मण किरेला ने बुधवार को कहा कि देश के वरिष्ठ अधिकारियों ने हमले की सूचना दबा दी जिस कारण ऐसे घातक हमले हुए.
किरेला ने संसद में कहा, ‘कुछ आला अधिकारियों ने खुफिया सूचनाएं जानबूझ कर दबा दी. हमले की पुख्ता जानकारी होने के बावजूद सुरक्षा अधिकारियों ने समुचित कार्रवाई नहीं की.’ उन्होंने कहा कि 4 अप्रैल को भारत ने इंटेलीजेंस अलर्ट दिया था जिस पर 7 अप्रैल को राष्ट्रपति मैत्रिपाल सिरीसेन ने सुरक्षा परिषद की बैठक भी ली लेकिन इससे जुड़ी सूचनाएं आगे नहीं बढ़ाई जा सकीं. इस्लामिक स्टेट ने इन हमलों की मंगलवार को जिम्मेदारी ली है. इस बीच आतंकी हमले में मारे गए लोगों का सामूहिक अंतिम संस्कार किया गया. श्रीलंका ने मंगलवार को राष्ट्रीय शोक घोषित किया था और इस दौरान कोलंबो में सफेद झंडे लहराते नजर आए. उधर कोलंबो में अमेरिकी दूतावास ने अपने देश के यात्रियों के लिए यात्रा परामर्श जारी किया है और कहा कि आतंकवादी संगठन कुछ और विस्फोट की साजिश रच सकते हैं.
श्रीलंका में ईसाइयों की आबादी करीब सात फीसदी, बौद्धों की 70, हिंदू 12 और मुस्लिम आबादी करीब 10 फीसदी है. ट्रांसपोर्ट, बाजारों, शापिंग मॉल, सरकारी कार्यालयों, होटल, क्लब, रेस्तरां, धार्मिक स्थलों, पार्क, खेल की जगह सांस्कृतिक, शैक्षिक केंद्रों और एयरपोर्ट की संभावित हमला स्थल के रूप में पहचान की है. श्रीलंका में तमिल टाइगर्स और सरकार के बीच गृहयुद्ध समाप्त होने के बाद रविवार को हुए आत्मघाती विस्फोट सबसे खतरनाक थे. गृहयुद्ध 1983 में शुरू हुआ था और 2009 में प्रभाकरन की मौत के साथ समाप्त हो गया था.
Live Halchal Latest News, Updated News, Hindi News Portal