श्रीलंका में स्पा और मसाज पार्लर में विपरीत लिंग द्वारा मालिश पर प्रतिबंध लगाने की संभावना है. सरकार स्पा की आड़ में वेश्यावृत्ति को नियंत्रित करने और एड्स सहित यौन संचारित रोगों (एसटीडी) को फैलने से रोकने के लिए यह कदम उठाने जा रही है.
आयुर्वेद विभाग द्वारा प्रस्तावित कानून के अनुसार, महिलाओं द्वारा पुरुषों की मालिश किए जाने और पुरुषों द्वारा महिलाओं की मालिश करने पर प्रतिबंध लगाया जाएगा. आयुर्वेद आयुक्त जनरल एम.डी.जे. अबेगुणवर्धने ने कहा, ‘यह निर्णय इसलिए लिया गया क्योंकि मसाज पार्लर और स्पा एसटीडी फैलाने के केंद्र बन गए हैं.’
क्या कहता है प्रस्तावित कानून
प्रस्तावित कानून के तहत, जिसे मंजूरी के लिए कैबिनेट में पेश किया जाना है, मसाज थेरेपिस्ट को भी पेशेवर रूप से योग्य होना चाहिए और आयुर्वेद विभाग के तहत पंजीकृत होना चाहिए, जबकि स्पा चलाने वाले प्रबंधकों को भी योग्य होना चाहिए.
अधिकार कार्यकर्ताओं ने शिकायत की है कि मौजूदा आर्थिक संकट ने कई महिलाओं को वेश्यावृत्ति करने या स्पा में थेरेपिस्ट के रूप में काम करने के लिए मजबूर किया है. ऐसा मुख्य रूप से कपड़ा और परिधान उद्योग और इसी तरह के अन्य व्यवसायों में बड़ी संख्या में कंपनियों के बंद होने के कारण हुआ है.
एड्स सहित यौन संचारित रोगों में वृद्धि
राष्ट्रीय एसटीडी/एड्स नियंत्रण कार्यक्रम के रिकॉर्ड के अनुसार, श्रीलंका में एड्स सहित यौन संचारित रोगों में वृद्धि देखी गई है. आंकड़ो ने 2022 की पहली तिमाही के दौरान 4,556 मामलों के साथ 2021 में इसी अवधि में 4,073 की तुलना में एचआईवी रोगियों में लगभग 12 प्रतिशत की वृद्धि दिखाई.