श्रीलंका में शुरू हो सकती है अदाणी की बिजली परियोजना

श्रीलंका में अनुरा कुमारा दिसानायके के नेतृत्व वाली नई सरकार ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि वह भारत के अडानी समूह को पवन ऊर्जा परियोजना के लिए पिछली सरकार की तरफ से दी गई मंजूरी पर पुनर्विचार करेगी।

श्रीलंका के नए राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके के नेतृत्व वाली सरकार ने देश के सुप्रीम कोर्ट को बताया कि वह भारत के अदाणी समूह को पवन ऊर्जा परियोजना के लिए पिछली सरकार की तरफ से दी गई मंजूरी पर पुनर्विचार करेगी।

अटॉर्नी जनरल की ओर से सुप्रीम कोर्ट को दी गई जानकारी
अटॉर्नी जनरल की ओर से सुप्रीम कोर्ट (एससी) की पांच सदस्यीय पीठ को बताया गया कि परियोजना की समीक्षा करने का निर्णय 7 अक्टूबर को हुई कैबिनेट की बैठक में लिया गया था। अदालत को बताया गया कि नई सरकार का अंतिम निर्णय 14 नवंबर को संसदीय चुनाव के बाद नए मंत्रिमंडल की स्थापना के बाद बताया जाएगा।

दिसानायके ने परियोजना को रद्द करने का किया था वादा
राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके ने 21 सितंबर को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव से पहले वादा किया था कि उनका नेशनल पीपुल्स पावर (एनपीपी) गठबंधन इस परियोजना को रद्द कर देगा। एनपीपी ने दावा किया कि यह परियोजना श्रीलंका के ऊर्जा क्षेत्र की संप्रभुता के लिए खतरा है और वादा किया कि उनकी जीत की स्थिति में इसे रद्द कर दिया जाएगा।

क्या है अदाणी समूह की परियोजना?
अदाणी समूह मन्नार और पूनरी के पूर्वोत्तर क्षेत्रों में 484 मेगावाट पवन ऊर्जा के विकास के लिए 20 साल के समझौते में 440 मिलियन अमेरिकी डालर से अधिक का निवेश करने वाला था। इस परियोजना को श्रीलंका के सर्वोच्च न्यायालय में मौलिक अधिकारों के मुकदमे का सामना करना पड़ा।

पर्यावरण संबंधी चिंता को लेकर दायर की गई थी याचिका
याचिकाकर्ताओं ने पर्यावरण संबंधी चिंताओं और अदाणी ग्रीन एनर्जी को हरी झंडी देने के लिए बोली प्रक्रिया में पारदर्शिता की कमी को उठाया है। याचिकाकर्ताओं ने यह भी तर्क दिया है कि 0.0826 अमेरिकी डालर प्रति किलोवाट घंटा का सहमत टैरिफ श्रीलंका के लिए नुकसानदेह होगा और इसे घटाकर 0.005 अमरीकी डालर प्रति किलोवाट घंटा किया जाना चाहिए।

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com