उत्तर भारत के विशाल मंदिरों में शामिल वृंदावन के श्री रंगजी मंदिर में गुरुवार को अन्नकूट महोत्सव का आयोजन किया गया। वैदिक अनुष्ठान पूर्वक आयोजित अन्नकूट के दर्शन को भक्तों की कतार लग गई। सुबह मंदिर के सेवायत-पुजारियों ने भगवान श्री गोदारंगमन्नार के मुख्य गर्भगृह के समक्ष सोने-चांदी के थालों में विविध प्रकार के व्यंजन परोसे। इस दौरान कोविड-19 प्रोटोकॉल के तहत पहली बार अन्नकूट महोत्सव के दिव्य दर्शन भक्तों को कराए गए।

कोविड-19 के चलते करीब सात माह तक बंद रहे दक्षिणात्य शैली के श्री रंगजी मंदिर में ठाकुर जी के दर्शन आम भक्तों ने गुरुवार को सुलभता पूर्वक किए। भगवान गोदारंगमन्नार को अनेक प्रकार के मिष्ठान, फल, मेवा इत्यादि भी निवेदित किए। इस दौरान भगवान रंगनाथ की जय-जयकार से मंदिर परिसर गूंज उठा।
श्रीरंगजी मंदिर में महंत गोवर्धनपीठाधीश्वर बालकस्वामी के आचार्यत्व में वेदपाठी विद्वान ने वैदिक मंत्रोच्चारण किया। अन्नकूट महोत्सव के अवसर पर आगरा रेंज के आईजी ए. सतीश गणेश ने भी भगवान श्री गोदारंगमन्नार के दर्शन किए। वे सपरिवार पहुंचे थे।
वृंदावन के गोपेश्वर मार्ग स्थित गोदाविहार मंदिर में भी भगवान लक्ष्मीनारायण का अन्नकूट महोत्सव मनाया गया। भगवान को छपन्न भोग अर्पित किए गए। महंत स्वामी वृंदावन आचार्य ने कहा कि इंद्र के प्रकोप से ब्रजवासियों को बचाने के लिए श्रीकृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को उठाकर इंद्र का मान-मर्दन किया था। तभी से हर वर्ष गोवर्धन पूजा करके यह उत्सव ‘अन्नकूट’ के नाम से मनाया जाने लगा।
गोवर्धन में हाथी दरवाजा परिक्रमा मार्ग स्थित ठाकुर श्री बिहारी मंदिर में मैथिल ब्राह्मण समाज की ओर से तृतीय अन्नकूट महोत्सव एवं छप्पन भोग मनोरथ का आयोजन किया गया। इस दौरान फूलबंगला में ठाकुर जी के दर्शन हुए। बिहारी जी को नवीन आभूषण एवं पोशाक धारण कराई गई। मंदिर समिति के अध्यक्ष दाऊजी शर्मा ने बताया कि मैथिल ब्राह्मण समाज के सहयोग से तीसरी बार अन्नकूट महोत्सव का आयोजन कर बिहारी जी को 56 प्रकार के व्यंजन का प्रसाद अर्पित किया।
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