इस हफ्ते वायदा एवं विकल्प खंड में अनुबंधों के पूरा होने के बीच शेयर बाजारों में उतार-चढ़ाव रह सकता है. अगले महीने आम चुनावों की शुरुआत के साथ निवेशक बाजार से दूर रह सकते हैं. विश्लेषकों ने यह बात कही. एसएएमसीओ सिक्योरिटीज एंड स्टाक नोट के सीईओ जिमीत मोदी ने कहा, ‘सप्ताह के दौरान बाजार में उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है. इसका कारण किसी नए सकारात्मक संकेत का अभाव होना है. वित्त वर्ष समाप्त होने वाला है, ऐसे में कम-से-कम बांड बाजार से नकदी की निकासी होगी.’
दुनियाभर के बाजार पर भी असर पड़ेगा
उन्होंने कहा, ‘कुछ बांड को भुनाये जाने से दबाव उत्पन्न हो सकता है. घरेलू संस्थान शुद्ध रूप से बिकवाल हो सकते हैं.’ जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘हाल के समय में केंद्र में आम चुनावों के बाद स्थिर सरकार बनने की संभावना तथा महंगाई दर में नरमी को देखते हुए घरेलू बाजारों में सकारात्मक रुख रहा. दूसरी तरफ ब्रेक्जिट समझौते को लेकर अनिश्चितता तथा अमेरिका-चीन के बीच व्यापार समझौते में देरी का वैश्विक बाजारों पर प्रभाव पड़ना जारी रहेगा.’
11 अप्रैल से शुरू हो रहे लोकसभा चुनाव
लोकसभा चुनाव 11 अप्रैल से शुरू हो रहा है जो 7 चरणों में होगा. विशेषज्ञों ने कहा कि इसके अलावा डॉलर के मुकाबले रुपये में उतार-चढ़ाव, कच्चे तेल की कीमत तथा विदेशी निवेशकों की निवेश प्रवृत्ति भी कारोबारी धारणा को प्रभावित करेगी.
रेटिंग एजेंसी फिच द्वारा भारत की आर्थिक वृद्धि के अनुमान को घटाये जाने के बीच हाल की तेजी के बाद निवेशकों की मुनाफावसूली से बीएसई सेंसेक्स शुक्रवार को 222 अंक की गिरावट के साथ बंद हुआ. साप्ताहिक आधार पर सेंसेक्स 140 अंक जबकि एनएसई निफ्टी 30 अंक मजबूत हुए. फिच रेटिंग ने अगले वित्त वर्ष के लिये भारत की आर्थिक वृद्धि दर अनुमान को कम कर 6.8 प्रतिशत कर दिया जबकि पूर्व में इसके 7 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया गया था.
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