शेयर बाजार: चंद सेकंड में निवेशकों के डूबे 5 लाख करोड़, टाटा मोटर्स को सर्वाधिक नुकसान

शेयर बाजार: चंद सेकंड में निवेशकों के डूबे 5 लाख करोड़, टाटा मोटर्स को सर्वाधिक नुकसान

शेयर बाजार में भारी गिरावट के चलते निवेशकों के चंद सेकंडों में 5 लाख करोड़ रुपये से अधिक की रकम डूब गई। सेंसेक्स के 1250 अंक नीचे खुलने के साथ ही ज्यादातर हैवीवेट शेयरों में  गिरावट के साथ खुले। सबसे ज्यादा नुकसान टाटा मोटर्स को उठाना पड़ा, जिसका शेयर 6.45 फीसदी गिर गया। सेंसेक्स में ट्रेड करने वाले सभी शेयर लाल निशान पर हैं।शेयर बाजार: चंद सेकंड में निवेशकों के डूबे 5 लाख करोड़, टाटा मोटर्स को सर्वाधिक नुकसानये हैवीवेट शेयर भी हुए धड़ाम

टाटा मोटर्स के अलावा जिन हैवीवेट शेयरों में गिरावट देखी गई उनमें एक्सिस बैंक, यस बैंक, अडानी पोर्ट और टाटा स्टील शामिल हैं। इन कंपनियों के शेयरों में 3.23 फीसदी से लेकर के 4.27 फीसदी तक लुढ़क गए। 

 
Advisorymandi के सीईओ कौशलेंद्र सिंह सेंगर ने amarujala.com को बताया कि इस साल की शुरुआत से लेकर के अब तक निवेशकों के करीब 35 लाख करोड़ मार्केट में डूब गए हैं। वहीं 2018 में मार्केट 2800 प्वाइंट्स से ज्यादा गिर गया है। बजट के बाद पिछले दो सालों में मार्केट कभी भी 10 फीसदी से ज्यादा नहीं टूटा है, लेकिन इस बार मार्केट ने टूटने में रिकॉर्ड कायम कर दिया है।  

आईटी शेयर भी टूटे
कौशलेंद्र ने कहा कि अभी तक की गिरावट से आईटी शेयर अछूते थे, लेकिन आज यह भी लाल निशान पर कारोबार करते हुए देखे जा रहे हैं। मार्च के आखिर तक मार्केट शेयर बाजार 30000 के बेंचमार्क से नीचे जा सकता है।

इसलिए निवेशकों को सलाह है कि 31 मार्च तक कोई भी नया शेयर या फिर म्युचुअल फंड न खरीदें। जिन लोगों ने निवेश कर रखा है, वो फिलहाल वेट एंड वॉच मोड पर रहे। अगर किसी को निवेश करना है तो वो गोल्ड में इन्वेस्ट कर सकते हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि इसका प्राइस मार्च तक 32 हजार रुपये प्रति 10 ग्राम का आंकड़ा पार कर सकता हैं। 

अढिया बोले- बजट नहीं ग्लोबल मार्केट्स से गिर रहा है सेंसेक्स

वित्त सचिव हसमुख अढिया ने एक बार फिर से मंगलवार को दोहराया कि शेयर बाजार में जो गिरावट दिख रही है उसका कारण बजट नहीं हैं बल्कि ग्लोबल मार्केट्स हैं। बजट वाले दिन भी मार्केट इतना नहीं गिरा था, जब हमने शेयर मार्केट पर लांग टर्म कैपिटल गेन टैक्स लगाने की घोषणा की थी। 
अगर ग्लोबल मार्केट्स में हालत खराब नहीं होते तो फिर भारतीय शेयर बाजार में इतनी बड़ी गिरावट देखने को नहीं मिलती। 2 और 5 फरवरी को जो हुआ उसके लिए ग्लोबल मार्केट्स जिम्मेदार हैं। अगर बजट का इफेक्ट होता तो फिर सेंसेक्स और निफ्टी 1 फरवरी को ही नीचे चले जाते। 

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com