भारतीय शेयर बाजार में कई दिनों से गिरावट के साथ खुल रहा था। लेकिन, मंगलवार को यह सिलसिला थम गया। सेंसेक्स और निफ्टी ने हरे निशान में शुरुआत की। पिछले कई सत्रों की गिरावट से निवेशकों को अच्छे शेयर निचले स्तर पर खरीदने का मौका मिल गया। रिलायंस इंडस्ट्रीज और टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज जैसे ब्लू-चिप शेयरों में भी अच्छी खरीदारी हुई।
शुरुआती कारोबार में बीएसई का सेंसेक्स 591.19 अंक बढ़कर 77,930.20 अंक पर पहुंच गया। वहीं एनएसई का निफ्टी 188.5 अंक बढ़कर 23,642.30 अंक पर पहुंच गया। एनएसई और बीएसई सुबह करीब 10 बजे तक 1-1 फीसदी तक चढ़ गए हैं।
भारतीय शेयर बाजार में तेजी की वजह
अमेरिकी शेयर बाजार सोमवार को बढ़त के साथ बंद हुए थे। इससे एशियाई बाजारों में भी तेजी दिखी। खासकर, जापान का निक्केई इंडेक्स लगभग 1 फीसदी उछाल के साथ कारोबार कर रहा है। इससे भारत में भी निवेशकों का मनोबल बढ़ा और उन्होंने जमकर खरीदारी की।
सेंसेक्स की टॉप 30 में से 27 कंपनियां हरे निशान में कारोबार कर रही थीं। सिर्फ हिंदुस्तान यूनिलीवर, बजाज फिनसर्व और आईसीआईसीआई बैंक लाल निशान में थे। सबसे ज्यादा तेजी महिंद्रा एंड महिंद्रा, टाटा मोटर्स, अदाणी पोर्ट्स और एनटीपीसी में दिखी। ये सभी शेयर 2 फीसदी से अधिक की बढ़त के साथ कारोबार कर रहे थे।
डॉलर के मुकाबले मजबूत हुआ रुपया
रुपये में भी मंगलवार को शुरुआती कारोबार में दो पैसे की मजबूती दिखी। घरेलू शेयर बाजार में रिकवरी और प्रमुख एशियाई प्रतिद्वंद्वियों के मुकाबले अमेरिकी मुद्रा के कमजोर होने से रुपये का प्रदर्शन बेहतर रहा। यह डॉलर के मुकाबले 2 पैसे बढ़कर 84.40 पर पहुंच गया।हालांकि, फॉरेन करेंसी ट्रेडर्स का कहना है कि विदेशी फंडों की निरंतर निकासी और कच्चे तेल की कीमतों में तेजी ने रुपये पर दबाव डाला, नहीं तो यह आज और भी ज्यादा मजबूत हो सकता था। ब्रेंट क्रूड का भाव आज 0.19 फीसदी बढ़कर 73.44 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गय। इसमें पिछले पांच कारोबारी सत्रों के दौरान 2 फीसदी से अधिक का उछाल आया है।
विदेशी निवेशकों की बिकवाली जारी
एक्सचेंज के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने सोमवार को 1,403.40 करोड़ रुपये के शेयर बेचे। वहीं, घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) ने 2,330.56 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे। विदेशी निवेशक अक्टूबर की शुरुआत से लगातार निकासी कर रहे हैं, जो अभी तक जारी है। विदेशी निवेशकों की बिकवाली का प्रमुख कारण भारतीय शेयर बाजार का महंगा होना है। वहीं, चीन जैसे बाजारों का वैल्यूएशन काफी आकर्षक है। डोनाल्ड ट्रंप की जीत के बाद निवेशकों को अमेरिकी बाजार में भी काफी बेहतर संभावनाएं नजर आ रही हैं।अगर अन्य एशियाई बाजारों की बात करें, तो सियोल, टोक्यो और हांगकांग में तेजी रही, जबकि शंघाई में गिरावट दर्ज की गई। अमेरिकी शेयर बाजार सोमवार के सेशन में मिले-जुले रुख के साथ बंद हुए थे। Nasdaq में 0.6 फीसदी की बढ़त रही। इसमें एलन मस्क की Tesla के शेयरों में तेजी का अहम योगदान रहा। S&P 500 ने 0.39 फीसदी की बढ़त दर्ज की। Dow Jones में 0.13 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई।
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