झज्जर की बेटी मनु भाकर जूनियर शूटिंग वर्ल्ड कप में एक के बाद एक गोल्डन कामयाबी गढ़ती दिख रही है. मनु ने एक और स्वर्ण पदक देश की झोली में डाल दिया है. इस बार उसे ये कामयाबी अपने निशाने से नहीं बल्कि चीन के डिस्क्वालिफाई होने की वजह से मिली है. ऑस्ट्रेलिया के सिडनी में चल रही जूनियर वर्ल्ड शूटिंग चैंपियनशिप में मनु ने अपने साथी खिलाड़ियों मुस्कान और दिव्यांशी राणा के साथ मिलकर प्रतिद्वंदियों को कड़ी टक्कर दी. इस मुकाबले में वो दूसरे नंबर पर रहीं. लेकिन, पहले पोजिशन पर मौजूद चीन की टीम के डिसक्वालीफाई होने की वजह से उनका सिल्वर मेडल गोल्ड में बदल गया. मनु भाकर ने ये गोल्ड मेडल 25 मीटर एयर पिस्टल के टीम इवेंट में हासिल किया है.
मनु ने लगाया ‘गोल्डन’ चौका
इस गोल्डन जीत के साथ जूनियर शूटिंग वर्ल्ड कप में मनु अब तक चार गोल्ड मेडल हासिल कर चुकी हैं. मनु ने इससे पहले तीन और गोल्ड मेडल 10 मीटर सिंगल, 25 मीटर सिंगल और 10 मीटर एयर पिस्टल टीम इवेंट में किए थे.
30 दिन, 6 गोल्ड
सिडनी में चल रही जूनियर शूटिंग वर्ल्ड चैंपियनशिप में ही मनु भाकर ने चार स्वर्ण पदक हासिल कर नया इतिहास रच कर देश का मान बढ़ाया है. मनु ने 1 महीने के अंतराल में ही 6 स्वर्ण पदक हासिल किए हैं. इससे पहले मनु ने मेक्सिको के रिजवी सिटी में चलें शूटिंग वर्ल्ड चैंपियनशिप में भी दो स्वर्ण पदक हासिल किए थे.
कामयाबी की कहानी आसान नहीं
मनु महज 16 साल की है और झज्जर के गांव गोरिया की रहने वाली है. मनु की इस उपलब्धि पर उसके पिता रामकिशन भाकर बेहद खुश है और उन्हें अपनी बेटी पर नाज है. मनु ने कई खेलों पर हाथ आजमाने के बाद अप्रैल 2016 में शूटिंग यानी निशानेबाजी करने का फैसला किया. अपने इस फैसले को कामयाबी की बुलंदी तक ले जाने के लिए उन्हें और उनके पिता रामकिशन भारकर को कई संघर्षों से गुजरना पड़ा. लेकिन आज मनु की कामयाबी ने उन तमाम संघर्षों को सार्थक कर दिखाया है.
बहरहाल, जूनियर वर्ल्ड कप में अपनी अचूक निशानेबाजी का लोहा मनवाने के बाद मनु की नजर अब अगले महीने से शुरू हो रही कॉमनवेल्थ गेम्स पर जमीं है.
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