शुभ मुहूर्त: अपरा या अचला एकादशी व्रत के लिए जानिए -मंत्र, पूजा विधि

अपरा एकादशी या अचला एकादशी आज  है। एकादशी तिथि का प्रारंभ 29 मई को दोपहर में 03:21 बजे हो जाएगा,  को शाम 04:38 बजे तक रहेगा। ऐसे में अपरा एकादशी व्रत आज को ही रखा जाएगा। व्रती 31 मई को सुबह 05:45 बजे से 08:25 बजे के मध्य पारण कर सकेंगे। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, ज्येष्ठ कृष्ण पक्ष की एकादशी को अपरा एकादशी कहा जाता है। इस दिन व्रत करने से धन-दौलत और प्रसिद्धि मिलती है। सभी तरह के पापों और कष्टों के साथ साथ प्रेत योनी से भी मुक्ति मिलती है।

सावधानियां- व्रत से एक दिन पूर्व यानी दशमी से तामसिक भोजन न करें। प्याज या लहसून का भी प्रयोग बंद कर दें। व्रत के दौरान बुरे विचारों से दूर रहें। मन को नियंत्रित रखें।

पूजा विधि-  एकादशी तिथि यानी 30 मई की सुबह सूरज की पहली किरण निकलने से पहले दैनिक क्रियाओं से निवृत्त होना चाहिए। इसके उपरान्त स्वच्छ जल से स्नान करें और साफ सुथरे वस्त्र धारण करें।पूरब या उत्तर दिशा की तरफ एक स्थान पर भगवान विष्णु की प्रतिमा या तस्वीर स्थापित करें और व्रत का संकल्प करें। कलश स्थापना के उपरान्त अक्षत, पान, सुपारी, लौंग, शक्कर, मिष्ठान, रोली, फूल-माला भगवान को अर्पित करें। इसके बाद धूप दीप जलाएं, इस दौरान ॐ नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का जाप करें। अंत में भगवान विष्णु की आरती करें। फिर भगवान विष्णु का स्मरण कर अपने पापों और कष्टों के निवारण के लिए निवेदन करें। पूरे दिन आप चाहें तो फल का सेवन करें। शाम के समय अपरा एकादशी की कथा सुनें और भगवान विष्णु की आरती करें। अगले दिन सुबह ब्राह्मण को भोजन कराने के बाद दान-दक्षिणा दें और निर्धारित समय में पारण करें। व्रत वाले दिन यदि आप पीले वस्त्र का उपयोग करें तो बहुत अच्छा होगा।

 

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com