इस वित्त वर्ष में शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह में गिरावट आई है। सरकारी आंकड़ें के अनुसार चालू वित्त वर्ष में अब तक शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह 4.59 लाख करोड़ रुपये रहा। यह पिछले वर्ष की तुलना में 1.39 प्रतिशत कम है। 2024 में शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह 4.65 लाख करोड़ रुपये था। इसमें कहा गया कि इस गिरावट का मुख्य कारण अग्रिम कर संग्रह की रफ्तार में आई कमी है।
अग्रिम कर संग्रह में 3.87% की मामूली बढ़त हुई
वहीं 1 अप्रैल से 19 जून 2025 के दौरान अग्रिम कर संग्रह में 3.87 प्रतिशत की मामूली बढ़त हुई है। अग्रिम कर संग्रह 1.56 लाख करोड़ रुपये हो गया। 2024 में इस अवधि में अग्रिम कर संग्रह में 27 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि दर्ज की गई थी। कॉर्पोरेट कर में अग्रिम कर संग्रह 5.86 प्रतिशत बढ़कर 1.22 लाख करोड़ रुपये हो गया। वहीं, गैर-कॉर्पोरेट कर संग्रह 2.68 प्रतिशत घटकर 33,928 करोड़ रुपये रह गया।
सकल प्रत्यक्ष कर संग्रह 5.45 लाख करोड़ रुपये रहा
इसके अलावा इस अवधि में कॉर्पोरेट कर संग्रह में लगभग 1.73 लाख करोड़ रुपये की गिरावट देखी गई। यह पिछले वर्ष की तुलना में 5 प्रतिशत से अधिक की गिरावट है। हालांकि, गैर-कॉर्पोरेट कर संग्रह, जिसमें मुख्य रूप से व्यक्तिगत आयकर शामिल है, में 0.7 प्रतिशत की मामूली वृद्धि दर्ज की गई। यह 2.73 लाख करोड़ रुपये रहा। इस अवधि के दौरान प्रतिभूति लेनदेन कर (एसटीटी) 12 प्रतिशत बढ़कर 13,013 करोड़ रुपये हो गया। इस वित्त वर्ष में अब तक रिफंड जारी करने की राशि 58 प्रतिशत बढ़कर 86,385 करोड़ रुपये हो गई। चालू वित्त वर्ष में अब तक सकल प्रत्यक्ष कर संग्रह 5.45 लाख करोड़ रुपये रहा, जो पिछले वर्ष की तुलना में 4.86 प्रतिशत अधिक है।
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