श्रीनगर से निकलने वाले अखबार ‘राइजिंग कश्मीर’ के संपादक शुजात बुखारी की हत्या के मामले में पुलिस ने नया खुलासा किया है. पुलिस के मुताबिक, आतंकी शुजात बुखारी को मारने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ना चाहते थे और इसीलिए उन पर ताबड़तोड़ 15 गोलियां दागी गई थीं.
श्रीनगर में गुरुवार की शाम तीन बाइक सवार आतंकियों ने शुजात बुखारी की गोली मारकर हत्या कर दी. जम्मू एवं कश्मीर पुलिस के मुताबिक, गुरुवार की शाम वह श्रीनगर के प्रेस एन्क्लेव में स्थित अपने ऑफिस से एक इफ्तार पार्टी में शरीक होने के लिए निकले थे. तभी उन पर यह जानलेवा हमला हुआ. हमले में उनकी सुरक्षा में तैनात दो सुरक्षाकर्मियों की भी मौत हो गई.
जम्मू कश्मीर के बारामुला में आज शुजात बुखारी को सुपुर्द-ए-खाक कर दिया गया. बुखारी के जनाजे में लोगों का सैलाब उमड़ा पड़ा. उनको आखिरी बिदाई देने के लिए हजारों की संख्या में लोग जनाजे में शामिल हुए और आतंकियों को करारा जवाब दिया. शुक्रवार को बुखारी को उनके पैतृक गांव में सुपुर्द-ए-खाक कर दिया गया.
भारी बारिश के बावजूद बारामूला में हजारों लोग नम आंखों से बुखारी के जनाजे के साथ-साथ चल रहे थे. शुजात बुखारी के जनाजे में भारी संख्या में शामिल होकर घाटी की जनता ने आतंकियों को एक बार फिर दिखा दिया कि वो उनके मंसूबों के पूरी तरह खिलाफ है.
बुखारी के जनाजे में शामिल होने उनके पैतृक गांव आने वालों में विपक्ष के नेता उमर अब्दुल्ला और पीडीपी तथा भाजपा के मंत्री भी शामिल थे. जनाजे में शिरकत कर रहे लोगों ने बताया कि गांव में इससे पहले कभी किसी ने ऐसा जनाजा नहीं देखा, जिसमें इतनी तादाद में लोग शामिल हुए हों. बड़ी संख्या में यहां लोगों के पहुंचने से यातायात जाम लग गया था.
इस बीच, सूत्रों के मुताबिक इस हत्याकांड में कश्मीर हॉस्पिटल से फरार आतंकी नावेद जट का हाथ माना जा रहा है. ‘आजतक’ के पास बुखारी के हत्यारों का सीसीटीवी फुटेज है जिसमें बाइक सवार संदिग्ध दिख रहे हैं.
संदिग्धों की तस्वीर में बाइक पर बीच में बैठा आतंकी नावेद जट बताया जा रहा है. लश्कर आतंकी नावेद जट पिछले दिनों श्रीनगर के अस्पताल से फरार हो गया था. पुलिस ने अभी इसकी पुष्टि नहीं की है, लेकिन सीसीटीवी से तीन संदिग्धों की तस्वीर की पहचान कराई जा रही है.
पहचान के लिए स्थानीय लोगों की मदद ली जा रही है. हालांकि, लश्कर ने शुजात बुखारी की हत्या की निंदा की है लेकिन सुरक्षा एजेंसियां मानती हैं कि ये आतंकी संगठन की रणनीति का हिस्सा हो सकता है.
जम्मू कश्मीर पुलिस की ओर से हमलवारों से जुड़ी जानकारी देने के लिए मोबाइल नंबर भी जारी किए गए हैं. साथ ही अब पुलिस इस सीसीटीवी फुटेज की जांच कर हमलावरों तक पहुंचने की कोशिश में जुटी है. पुलिस की ओर से जारी दो तस्वीरों में तीन लोग बाइक पर जाते दिख रहे हैं जिन्होंने अपने चेहरे ढके हुए हैं.
शुजात बुखारी भारत-पाक शांति वार्ता और कश्मीर विवाद को सुलझाने के लिए लगातार सरकार के साथ कदम से कदम मिलाकर चल रहे थे. साथ ही उनके अखबार राइजिंग कश्मीर को घाटी की आवाज कहा जाता था. जान के खतरे के बावजूद वह हमेशा कहा करते थे कि बंदूक का डर दिखाकर उनकी कलम को शांत नहीं कराया जा सकता.
बुखारी की हत्या पर केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने दुख जताया है. राजनाथ ने ट्वीट कर लिखा, ‘राइजिंग कश्मीर के संपादक शुजात बुखारी की हत्या कायराना हरकत है. यह कश्मीर की विचारशील आवाज को दबाने की कोशिश है. वह साहसी एवं निर्भीक पत्रकार थे. उनकी मौत से बहुत स्तब्ध और दुखी हूं. मेरी संवेदना शोक संतप्त परिवार के साथ हैं.’बता दें कि शुजात बुखारी पर इससे पहले भी कई बार जानलेवा हमले हो चुके हैं. जुलाई 1996 में आतंकियों ने उन्हें 7 घंटे तक अनंतनाग में बंधक बनाकर रखा था. इसके बाद साल 2000 में जान से मारने की धमकी के बाद बुखारी को पुलिस सुरक्षा दी गई थी. साल 2006 में भी बुखारी पर जानलेवा हमला किया गया था.एक साल पहले ही पाकिस्तानी आतंकियों से उन्हें धमकी मिली थी. इसके बाद उन्हें X श्रेणी की सुरक्षा मिली हुई थी जिसमें उनके साथ 2 सुरक्षाकर्मी तैनात रहते थे.