शिवसेना ने एक बार फिर से बीजेपी पर निशाना साधा है. नई गठबंधन सरकार के गठन में सीएम पद को लेकर जारी खींचतान पर शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में बीजेपी पर गंभीर आरोप लगाए हैं. शिवसेना ने लिखा कि बीजेपी को ईडी, पुलिस, पैसा, धाक के दम पर अन्य पार्टियों के विधायक तोड़कर सरकार बनानी पड़ेगी.
“महाराष्ट्र का चुनाव परिणाम स्पष्ट है. भारतीय जनता पार्टी को 105 सीटें मिलीं. शिवसेना साथ नहीं होती तो यह आंकड़ा 75 के पार नहीं गया होता. ‘युति’ थी इसलिए गति मिली. ‘युति’ थी तब इसे कितनी सीटें मिली इसकी बजाय चुनाव से पहले ‘युति’ करते समय क्या करार हुआ था, वो महत्वपूर्ण है. शिवसेना को 56 सीटें मिलीं लेकिन श्री फडणवीस पहले निर्धारित शर्तों के अनुरूप शिवसेना को ढाई साल मुख्यमंत्री पद देने को तैयार नहीं हैं. पदों का समान बंटवारा ऐसा रिकॉर्ड पर बोले जाने का सबूत होने के बावजूद बीजेपी के देवेंद्र फडणवीस पलटी मारते हैं और पुलिस, सीबीआई, ईडी, आयकर विभाग की मदद से सरकार बनाने के लिए हाथ की सफाई दिखा रहे हैं. ये लोकतंत्र का कौन-सा उदाहरण है?”
“इंदिरा गांधी ने आपातकाल लगाया उस दिन को काला दिन कहकर संबोधित करने वाले ऐसे क्यों बन गए हैं. इस पर हैरानी होती है. 24 तारीख को चुनाव परिणाम घोषित होने के बाद उसी दिन मुख्यमंत्री फडणवीस को बड़े अभिमान से ‘मातोश्री’ में जाकर पहले चर्चा शुरू करनी चाहिए थी. वातावरण तनावपूर्ण नहीं हुआ होता लेकिन 105 कमलों का हार मतलब अमरपट्टा कौन इसे छीनेगा? वर्ष 2014 की तरह शिवसेना तमाम शर्तें मान लेगी, सभी इस भ्रम में रहे. इस भ्रम को उद्धव ठाकरे ने पहले 8 घंटों में दूर कर दिया. वर्ष 2014 में शिवसेना सत्ता में शामिल हुई. अब शिवसेना वो जल्दबाजी नहीं दिखाएगी तथा घुटने टेकने नहीं जाएगी, ऐसी नीति उन्होंने अपनाई तथा व्यर्थ चर्चा का दरवाजा बंद कर दिया.”