मध्य प्रदेश के व्यापम कांड का दाग शिवराज सरकार पर था ही कि एक और ऐसा ही कांड हो गया. व्यापम पार्ट 2 की आहट से प्रदेश सरकार सतर्क हो गई है. सीएम शिवराज ने जांच के आदेश दे दिए हैं. वहीं, अभ्यर्थियों ने परीक्षा परिणाम रोकने की मांग करते हुए कहा है कि इस मामले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई), लोकायुक्त या किसी अन्य विशेषज्ञ से कराई जाए.
दरअसल, 10 और 11 फरवरी को कृषि विकास अधिकारी और ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी के करीब 800 पदों के लिए लिखित परीक्षा आयोजित की गई थी. इसी परीक्षा के उम्मीदवार रंजीत रघुनाथ ने पुलिस को दिए आवेदन में आरोप लगाया है कि प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड की ओर से ली गई इस परीक्षा में धांधली का शक है. उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा है कि पहली बार प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड में एक साथ कई सारे छात्रों को 190 से ज्यादा या उसके आसपास अंक मिले हैं और टॉप 10 में आए सभी छात्र ग्वालियर-चंबल संभाग से हैं.
बतौर अभ्यर्थी परीक्षा देने वाले रंजीत रघुनाथ ने आरोप लगाया है कि सभी टॉपर्स ने गलती भी एक जैसी की है क्योंकि बोर्ड ने जहां गलती की थी इन सभी टॉपर्स ने उसी गलत विकल्प पर निशान लगाया है. धांधली के आरोप के बाद अभ्यर्थियों ने मांग की है कि इस मामले की जांच सीबीआई, लोकायुक्त या किसी अन्य विशेषज्ञ से कराई जाए. अभ्यर्थियों ने कृषि विकास अधिकारी और ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी परीक्षा का रिजल्ट रोके जाने और टॉपर्स की जांच कराए जाने की मांग की है.
अभ्यर्थियों ने साथ ही सभी टॉपर्स के सोशल मीडिया अकाउंट और कॉल रिकॉर्ड्स की जांच किए जाने, दोषी पाए जाने पर मामला दर्ज कर कठोर कार्रवाई करने की मांग की है. अभ्यर्थियों ने कृषि मंत्री कमल पटेल से मुलाकात कर इस संबंध में ज्ञापन सौंपा था. मामला संज्ञान में आने पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जांच के आदेश दे दिए हैं. उन्होंने गुरुवार की शाम ट्वीट कर इसकी जानकारी दी.